Move to Jagran APP

ज्ञानवापी प्रकरण पर बोले पुरी के शंकराचार्य- ज्ञानवापी नींव देखने से पता चलता कि वहां ऊपर तक मंदिर के चिन्ह मौजूद हैं

शंकराचार्य ने किया दावा- आगरा के ताजमहल में भी शिवालय था अब सबका दायित्व कि हमारा मौलिक स्वरूप हमें वापस मिले पुरी पीठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती जी महाराज ने कहा है कि आक्रांताओं द्वारा विकृत किए गए हमारे हिंदू देवस्थानों को वापस प्राप्त करना हमारा शाश्वत अधिकार है।

By Priti JhaEdited By: Published: Sun, 22 May 2022 09:26 AM (IST)Updated: Sun, 22 May 2022 09:46 AM (IST)
ज्ञानवापी प्रकरण पर बोले पुरी के शंकराचार्य- ज्ञानवापी नींव देखने से पता चलता कि वहां ऊपर तक मंदिर के चिन्ह मौजूद हैं
हावड़ा के सलकिया में शनिवार को दीक्षा कार्यक्रम में पुरी के शंकराचार्य।

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर से सटा ज्ञानवापी मस्जिद इन दिनों विवादों में छाया हुआ है, जहां हिंदू पक्ष ने मस्जिद के भीतर शिवलिंग मिलने का दावा किया है। इस विवाद के बीच अब पुरी पीठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती जी महाराज ने कहा है कि आक्रांताओं द्वारा विकृत किए गए हमारे हिंदू देवस्थानों को वापस प्राप्त करना हमारा शाश्वत अधिकार है। उन्होंने यह भी दावा किया कि आगरा स्थित ताजमहल में भी शिवालय ही था।

loksabha election banner

बंगाल के हावड़ा स्थित सलकिया में दीक्षा कार्यक्रम में हिस्सा लेने आए पुरी के शंकराचार्य ने शनिवार को यहां बातचीत में ज्ञानवापी मस्जिद प्रकरण पर पूछे गए सवाल पर स्पष्ट कहा कि हमारे हिंदू देवस्थानों को विकृत करके व आतंकवाद को फैलाकर कुछ लोगों ने इसे अपने अधिकृत कर लिया। अब हमारा मौलिक स्वरूप मानवाधिकार की सीमा में वापस प्राप्त करने का हमें अधिकार है। शंकराचार्य ने कहा कि ज्ञानवापी में नींव को देखने से ही पता चलता है कि वहां उपर तक मंदिर के चिन्ह मौजूद हैं।

उन्होंने कहा कि जैसा कि सभी जानते हैं कि हमारे देश में बहुत वर्षों तक किन तंत्रों ने शासन किया। इस दौरान आक्रांताओं द्वारा हमारे देवस्थानों को लांछित व विकृत किया गया। अब यह सबका दायित्व है कि हमारे उन देवस्थानों को वे हमें वापस सौंपे और हमें (हिंदूओं) उन स्थानों पर अपने प्रभुत्व का पूर्ण अधिकार प्राप्त हो। वहीं, इस प्रकरण पर विपक्षी दलों द्वारा उठाए जा रहे सवाल पर शंकराचार्य ने कहा कि किस दल का शासन उत्तर प्रदेश में अधिक समय तक रहा और वह किसका अनुयायी था, इस पर विचार किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि शासन तंत्र देश हित में काम कर रहा है और विपक्ष सिर्फ आंख मूंदकर उसका विरोध करता है तो यह राष्ट्रदोह है।

बंगाल में भर्ती घोटाले पर कहा- लोगों को सोचना चाहिए वे किसको जिताते हैं

- वहीं, बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले में मंत्रियों की संलिप्तता के बारे में पूछे गए सवाल पर शंकराचार्य ने कहा कि यहां वोट देने वाले लोगों को सोचना चाहिए कि वे किस पार्टी को जिताते हैं। जिसको अपने वोट के अस्तित्व का बोध ही नहीं है तो क्या होगा। शंकराचार्य ने यहां सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस का नाम लिए बिना कहा कि जिस पार्टी के सांसद कभी देश के संसद में खड़े होकर कहते हैं कि गोहत्या होगी-होगी-होगी और गाय गरीबों का भोजन है, वह पार्टी यदि शासन करती है तो इसका अर्थ है कि जनता की दिशाहीनता की यहां पराकाष्ठा है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.