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चुनावी हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट 9 को सुनाएगा फैसला

जेएनएन, कोलकाता :बंगाल में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर हो रही ¨हसा को लेकर सुप्रीम कोर्ट नौ अप्र

By JagranEdited By: Published: Sat, 07 Apr 2018 02:59 AM (IST)Updated: Sat, 07 Apr 2018 02:59 AM (IST)
चुनावी हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट 9 को सुनाएगा फैसला
चुनावी हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट 9 को सुनाएगा फैसला

जेएनएन, कोलकाता :बंगाल में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर हो रही ¨हसा को लेकर सुप्रीम कोर्ट नौ अप्रैल को अपना फैसला सुनाएगा। भाजपा की प्रदेश इकाई ने अपनी याचिका में न्यायालय से अनुरोध किया कि पंचायत चुनावों में नामाकन पत्र दाखिल करने की तारीख नौ अप्रैल से बढ़ाई जाए और नामाकन पत्र आनलाइन दाखिल करने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। पार्टी ने अपने प्रत्याशियों के लिए सुरक्षा प्रदान करने के साथ ही कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए केंद्रीय बल तैनात करने का अनुरोध किया है ताकि पंचायत चुनाव शातिपूर्ण तरीके से संपन्न हो सकें।

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न्यायमूर्ति आर के अग्रवाल और न्यायमूर्ति एएम सप्रे की पीठ ने कहा-'हम नौ अप्रैल के लिए आदेश को सुरक्षित रख रहे हैं।' बंगाल में एक, तीन और पाच मई को पंचायत चुनाव होने हैं, जबकि मतगणना आठ मई को होगी। चुनाव की अधिसूचना के अनुसार इसके लिए नौ अप्रैल नामाकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि है और इनकी जाच 11 अप्रैल को होगी।

याचिका पर सुनवाई के दौरान भाजपा की प्रदेश इकाई की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि राज्य में लोकतंत्र की हत्या की जा रही है। प्रत्याशियों को अपने नामाकन पत्र दाखिल नहीं करने दिए जा रहे हैं और वहा बड़े पैमाने पर हिंसा हो रही है। रोहतगी ने न्यायालय को सूचित किया कि प्रदेश काग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने भी इसी अनुरोध के साथ कलकत्ता उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है क्योंकि काग्रेस प्रत्याशियों को भी नामाकन पत्र दाखिल नहीं करने दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा-'भाजपा और काग्रेस नामाकन पत्र दाखिल नहीं करने से प्रभावित हुए हैं। यह बहुत कम ही होता है जब दोनों भाजपा और काग्रेस एक ही तरफ हों। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को निर्देश दिया जाना चाहिए कि राज्य में बड़े पैमाने पर हिंसा को देखते हुए वहा अ‌र्द्धसैनिक बल तैनात करे।

केंद्र की ओर से अतिरिक्त सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग के अनुरोध या न्यायालय के निर्देश पर ही केंद्र सरकार वहा केंद्रीय अ‌र्द्धसैनिक बल तैनात कर सकती है। बंगाल की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि भाजपा की याचिका गलत अवधारणा पर आधारित है क्योंकि राज्य के कई जिलों में उसके प्रत्याशियों ने सत्तारूढ़ तृणमूल काग्रेस से अधिक नामाकन पत्र दाखिल किए हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा को पहले राज्य निर्वाचन आयोग के पास जाना चाहिए था। पीठ ने सभी पक्षों को सुनने के बाद कहा कि वह इस पर अपना आदेश देगी।


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