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सारधा घोटाला : ईडी ने भाजपा नेता मुकुल राय को नोटिस भेजकर मांगा संपत्ति का पूरा ब्योरा

ईडी ने मुकुल राय को नोटिस भेजकर उनकी संपत्ति का पूरा ब्योरा मांगा है। मुकुल के साथ पत्नी को भी नोटिस भेजा गया है। ईडी की तरफ से कहा गया है कि इससे पहले मुकुल राय व पत्नी ने अपनी संपत्ति का जो विवरण जमा किया था वह आंशिक था।

By Preeti jhaEdited By: Published: Tue, 17 Nov 2020 01:41 PM (IST)Updated: Tue, 17 Nov 2020 01:41 PM (IST)
सारधा घोटाला : ईडी ने भाजपा नेता मुकुल राय को नोटिस भेजकर मांगा संपत्ति का पूरा ब्योरा
वित्त वर्ष 2017-18 और 2018-19 के आयकर रिटर्न का विवरण भी मांगा गया।

कोलकाता , राज्य ब्यूरो।  अरबों रुपये के सारधा चिटफंड घोटाले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भाजपा नेता मुकुल राय को नोटिस भेजकर उनकी संपत्ति का पूरा ब्योरा मांगा है। मुकुल के साथ ही उनकी पत्नी को भी नोटिस भेजा गया है।

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ईडी की तरफ से कहा गया है कि इससे पहले मुकुल राय व उनकी पत्नी ने अपनी संपत्ति का जो विवरण जमा किया था, वह आंशिक था। उन्होंने सिर्फ अपने एक-एक बैंक खाते का विवरण जमा दिया है। उन्हें बाकी बैंक खातों का विवरण जमा देने को कहा गया है। इसके साथ ही दोनों से वित्त वर्ष 2017-18 और 2018-19 के आयकर रिटर्न का ब्योरा भी मांगा गया है। मुकुल राय से वित्त वर्ष 2013-14 से अब तक उनके द्वारा खरीदी गई संपत्ति का ब्योरा भी पेश करने को कहा गया है।

ईडी की तरफ से मुकुल राय को यह नोटिस गत 9 नवंबर को भेजा गया है। इससे पहले उन्हें इसी साल तीन जुलाई को भी ईमेल कर उनकी संपत्ति का ब्योरा मांगा गया था। मुकुल की तरफ से 31 जुलाई को ईमेल के जरिए ही ईडी को अपनी संपत्ति की जानकारी दी गई थी। गौरतलब है कि 2013 में सारधा चिटफंड घोटाले का पर्दाफाश हुआ थ। उस समय मुकुल राय तृणमूल कांग्रेस नेता थे। घोटाले के बाद फरार हुए सारथा समूह के प्रमुख सुदीप्त सेन व उनकी सहयोगी देबजानी मुखर्जी को बंगाल पुलिस ने कश्मीर से गिरफ्तार किया था। बाद में घोटाले की जांच का जिम्मा सीबीआइ को सौंपा गया था।

जांच में मुकुल राय का नाम सामने आया था। सुदीप्त सेन के कार चालक अरविंद सिंह चौहान ने पूछताछ में बताया था कि सुदीप्त सेन और मुकुल राय नियमित रूप से एक-दूसरे के संपर्क में रहते थे। सीबीआइ ने 2015 के जनवरी महीने में मुकुल राय को साल्टलेक के सीजीओ कांप्लेक्स स्थित दफ्तर में बुलाकर पूछताछ की थी। इस मामले में तृणमूल नेता मदन मित्रा को भी गिरफ्तार किया गया था। फिलहाल वे जमानत पर रिहा हैं। 


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