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Saradha Chit Fund Scam: ईडी ने रोज वैली मामले में 304 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की

जांच एजेंसी ने बताया कि जांच में पाया गया कि आम जनता से लिए पैसों का अवैध तरीके से इस्तेमाल करते हुए समूह की विभिन्न कंपनियों के नाम पर बंगाल ओडिशा त्रिपुरा असम महाराष्ट्र झारखंड और अन्य राज्यों में कई संपत्तियां खरीदी गई।

By Priti JhaEdited By: Published: Fri, 30 Apr 2021 03:12 PM (IST)Updated: Fri, 30 Apr 2021 03:33 PM (IST)
Saradha Chit Fund Scam: ईडी ने रोज वैली मामले में 304 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की
ईडी ने रोज वैली मामले में 304 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। प्रवर्तन निदेशालय ने शुक्रवार को कहा कि उसने बंगाल और ओडिशा में कथित रोज वैली पोंजी घोटाले में धन शोधन के मामले के संबंध में 304 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने एक बयान में कहा, ‘ बंगाल, त्रिपुरा और ओडिशा में रोज वैली समूह की कंपनियों की संपत्तियां धन शोधन निरोधक कानून (पीएमएलए) के तहत जब्त की गई है।’ इसमें कहा गया है, ‘इनमें 47 करोड़ रुपये की 412 चल संपत्तियां और 257 करोड़ रुपये की 426 अचल संपत्तियां शामिल हैं।’

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रोज वैली समूह की कंपनियों ने कई फर्जी योजनाएं बनाकर जनता से भारी-भरकम रकम लूटी थी। जांच एजेंसी ने बताया कि जांच में पाया गया कि आम जनता से लिए पैसों का अवैध तरीके से इस्तेमाल करते हुए समूह की विभिन्न कंपनियों के नाम पर बंगाल, ओडिशा, त्रिपुरा, असम, महाराष्ट्र, झारखंड और अन्य राज्यों में कई संपत्तियां खरीदी गई।

ईडी ने 2014 में कंपनी, उसके चेयरमैन गौतम कुंडु और अन्य के खिलाफ धन शोधन का आपराधिक मामला दर्ज किया और बाद में कुंडु को कोलकाता में गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में अब तक कई आरोपपत्र दायर किए जा चुके हैं और जांच अब भी चल रही है। 

जानें- सारधा और रोज वैली घोटालों की कहानी

देश के इतिहास में सबसे बड़े घोटालों में दर्ज ये स्कैम बताते हैं कि कैसे आम आदमी को सपने दिखाकर उनसे हजारों करोड़ की ठगी की गई। सारधा चिटफंड घोटाला जहां 2500 करोड़ रुपये का बताया जाता है (जिनमें 17 लाख लोगों से ठगी की गई) वहीं रोज वैली घोटाला 17,000 करोड़ रुपये का निकला।

सारधा में धांधली

  • 2006 में सुदीप्त सेन ने सारधा ग्रुप की स्थापना की थी। यह समूह अपने निवेश से प्राप्त आय की जगह नए निवेशकों को भुगतान पुराने निवेशकों से प्राप्त धन से करता था। बाद में सामने आया कि कंपनी ने नियमों का गंभीर उल्लंघन किया है।
  • पश्चिम बंगाल और उसके पड़ोसी राज्यों में लाखों लोगों के साथ हजारों करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का यह मामला 2013 में सामने आया। 

क्या है चिटफंड

चिटफंड छोटे व्यापारियों और कारोबारियों को रोज अतिरिक्त पैसों की बचत करने में मदद करता है। ग्रामीण इलाकों में बचत का इसे बेहतर विकल्प माना जाता है। इस बचत पर सालाना ब्याज करीब 12 प्रतिशत मिलता है। सूदखोरों के ब्याज को देखते हुए इसे कम माना जाता है, जबकि फिक्स डिपॉजिट पर बैंक सात से आठ प्रतिशत का ब्याज देते हैं।

रोज वैली घोटाला

शारदा चिटफंड की तरह ही रोज वैली घोटाले पर भी काफी वक्त से हड़कंप मचा रहा। इसमें कई बड़े नेताओं का नाम भी शामिल होने की बात सामने आ चुकी है।


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