दो दिनों में रद किए गए 1,500 करोड़ के चमड़े के निर्यात आर्डर : सीएलई
कोरोना के प्रकोप के चलते 17 मार्च के बाद से देश के 5.5 बिलियन यूएस डालर के चमड़े के सामान के निर्यात पर अभूतपूर्व और प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।
कोरोना के प्रकोप के चलते 17 मार्च के बाद से देश के 5.5 बिलियन यूएस डालर के चमड़े के सामान के निर्यात पर अभूतपूर्व और प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है
....................
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : कोविड 19 के प्रकोप के चलते भारतीय चमड़ा उत्पाद और फुटवियर निर्यात उद्योग को केवल दो दिनों में यूएसए और यूरोप से लगभग 1,500 करोड़ रुपये के ऑर्डर से वंचित होना पड़ा है।
काउंसिल ऑफ लेदर एक्सपोर्ट्स (सीएलई) के चेयरमैन पीआर अकील अहमद ने कहा कि कोरोना के प्रकोप के चलते 17 मार्च के बाद से देश के 5.5 बिलियन यूएस डालर के चमड़े के सामान के निर्यात पर अभूतपूर्व और प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। यूएसए और यूरोप में खरीदारों ने हमें पिछले दो दिनों में 200 मिलियन रुपये (1,5000 करोड़ रुपये) के अपने ऑर्डर रद करने की जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि खरीदारों ने शिपमेंट रोकने के लिए भी कहा है, जबकि पहले से भेजे गए कंटेनर आयात करने वाले देशों के बंदरगाहों पर फंसे हुए हैं और भुगतान रोक दिया गया है। सीएलई ने 19 मार्च को केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को स्थिति पर प्रकाश डालते हुए एक प्रतिनिधित्व भेजा है। पश्चिम बंगाल में 6,000 करोड़ रुपये के चमड़ा निर्यात का हब बानतला पहले से ही चीन से इनपुट आपूर्ति श्रृंखला के व्यवधान के कारण 20-25 प्रतिशत की कटौती कर रहा है। चमड़ा एक रोजगार गहन क्षेत्र है और किसी भी प्रतिकूल प्रभाव से बड़ी नौकरी का नुकसान होगा। सीएलई ने इस अभूतपूर्व चिंता से क्षेत्र की सुरक्षा के लिए सरकारी हस्तक्षेप की भी माग की है।