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रॉड सिर में आर-पार, मौत के मुंह से घर लौटा तारिक

इसके बाद पुलिस और फायर ब्रिगेड की मदद से रॉड को काटा गया फिर भी करीब 3.5 फीट लंबा रॉड तारिक के सिर में फंसा रह गया।

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 30 May 2018 10:08 AM (IST)Updated: Wed, 30 May 2018 01:56 PM (IST)
रॉड सिर में आर-पार, मौत के मुंह से घर लौटा तारिक
रॉड सिर में आर-पार, मौत के मुंह से घर लौटा तारिक

कोलकाता, जेएनएन। महानगर में हुए सड़क हादसे में एक युवक के सिर में रॉड आर-पार हो गया था। उसी हालत में युवक को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां जटिल ऑपरेशन के बाद उसके सिर से रॉड निकाल दिया गया। करीब एक माह से अधिक से वह अस्पताल में था।

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24 वर्षीय मोहम्मद तारिक 28 अप्रैल को रात एक बजे दोस्तों के साथ कार से एयर पोर्ट की ओर जा रहा था। केष्टोपुर इलाके में अचानक कार अनियंत्रित होकर रोड डिवाइडर से टकरा गई और डिवाइडर का रॉड उसके सिर में आर-पार हो गया था। जटिल ऑपरेशन के बाद मंगलवार को अस्पताल ने तारिक को छुट्टी दे दी। वह स्वस्थ्य है और पार्क सर्कस स्थित अपने घर लौट आया है।

हालांकि, दायां हाथ व पांव काम नहीं कर रहा है। सही से बोल भी नहीं पा रहा है। चिकित्सकों का कहना है कि फिजियोथैरेपी व स्पीचथेरेपी से वह ठीक हो जाएगा।

इसके बाद पुलिस और फायर ब्रिगेड की मदद से रॉड को काटा गया फिर भी करीब 3.5 फीट लंबा रॉड तारिक के सिर में फंसा रह गया। अस्पताल पहुंचने पर आपात विभाग में डॉक्टरों की टीम ने तुरंत तारिक का इलाज शुरू कर दिया। तारिक को पहले सांस लेने के लिए ट्यूब डालनी थी, लेकिन इस के लिए सिर को पीछे झुकाना होता है जो संभव नहीं हो रहा था। किसी तरह यह काम किया गया। खून भी रोकना जरूरी था।

कोलकाता के अपोलो अस्पताल के न्यूरो सर्जन डॉक्टर बिनोद कुमार सिंघानिया ने कहा, हमें सीटी स्कैन करना था, लेकिन यह बहुत कठिन था। रॉड बड़ा था, स्कैन में देख नहीं सके लेकिन सोचा रॉड तो निकालना ही पड़ेगा। इसके बाद एनेस्थीशिया दिया गया और एंडोस्कोपी का सहारा लिया और रॉड को बाहर निकाला। अब तारिक रिशतेदारों को पहचान रहा है, सुन भी रहा है लेकिन शरीर का दायां हिस्सा काम नहीं कर रहा है। फिलहाल उसकी पूरी आवाज वापस नहीं आई है।

डॉक्टरों का मानना है कि जल्द ही वो पहले की तरह सामान्य हो जाएगा। तारिक के भाई अजीजुल ने बताया के एक्सीडेंट के बाद जब उन्होंने अपने भाई को देखा तो उनके होश उड़ गए। लेकिन अस्पताल ने साथ दिया और डाक्टरों ने मेहनत की। अजीजुल ने कहा, इलाज के लिए अब तक करीब लाख रुपये दिए हैं। 12 लाख रुपये का पूरा बिल बना है। अजीजुल का कहना है कि अस्पताल से अनुरोध किया है कि हमलोग गरीब हैं रियायत दी जाए।


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