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कोलकाता में गणतंत्र दिवस परेड के ड्रेस रिहर्सल में नजर आई केंद्र की ओर से खारिज की गई बंगाल की झांकी

बंगाल की झांकी ने इसी चयन प्रक्रिया के तहत 2016 2017 2019 और 2021 में गणतंत्र दिवस परेड समारोह में भाग लिया था। इस बार 29 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के प्रस्तावों में से 12 को मंजूरी दी गई है।

By Vijay KumarEdited By: Published: Mon, 24 Jan 2022 08:51 PM (IST)Updated: Mon, 24 Jan 2022 08:51 PM (IST)
कोलकाता में गणतंत्र दिवस परेड के ड्रेस रिहर्सल में नजर आई केंद्र की ओर से खारिज की गई बंगाल की झांकी
झांकी में नेताजी की मूर्ति लगी है, उनकी आजाद हिंद फौज के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान को दर्शाया गया है।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : दिल्ली में होने वाले गणतंत्र दिवस परेड के लिए खारिज की गई बंगाल सरकार की झांकी सोमवार को कोलकाता के रेड रोड में नजर आई। स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस पर आधारित इस झांकी को केंद्र की तरफ से खारिज कर दिए जाने के बाद बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसे कोलकाता में होने वाले राज्य सरकार के गणतंत्र दिवस परेड में इस्तेमाल करने की बात कही थी। उसी के मुताबिक ड्रेस रिहर्सल के लिए सोमवार को इसे रोड रोड लाया गया था। इस झांकी में नेताजी की मूर्ति लगी है और उनकी आजाद हिंद फौज के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान को दर्शाया गया है।

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ममता ने बंगाल की झांकी को खारिज किए जाने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए इसे नेताजी का अपमान बताया था। उन्होंने इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र भी लिखा था। उस पत्र का जवाब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दिया था। उन्होंने ममता को लिखा था कि झांकियों के चयन में पूरी पारदर्शिता बरती गई है। कला, संस्कृति, संगीत व नृत्य विधाओं के विद्वानों की समिति राज्य व केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा भेजे गए प्रस्तावों के कई दौर के मूल्यांकन के बाद इनकी अनुशंसा करती है। बंगाल की झांकी ने इसी चयन प्रक्रिया के तहत 2016, 2017, 2019 और 2021 में गणतंत्र दिवस परेड समारोह में भाग लिया था।

इस बार 29 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के प्रस्तावों में से 12 को मंजूरी दी गई है। पत्र में रक्षा मंत्री ने आगे कहा था कि देश की आजादी में नेताजी सुभाष चंद्र बोस का योगदान प्रत्येक भारतीय के लिए अविस्मरणीय है। इसी भावना को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री ने नेताजी के जन्म दिवस 23 जनवरी को पराक्रम दिवस के रूप में घोषित किया है। अब से हर साल गणतंत्र दिवस समारोह की शुरुआत नेताजी के जन्मदिन से शुरू होगी और 30 जनवरी को इसका समापन होगा।

वहीं तृणमूल कांग्रेस के मुखपत्र में इसे लेकर केंद्र सरकार की जमकर आलोचना की गई। मुखपत्र में कहा गया कि बंगाल में ममता का राज होने के कारण इस झांकी को केंद्र ने खारिज कर दिया। दरअसल 2021 के बंगाल विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार को भाजपा हजम नहीं कर पा रही है इसलिए इस तरह की साजिश रच रही है। 2021 में बंगाल की जनता ने भाजपा को जिस तरह से जवाब दिया था, इसका भी वह उसी तरह से जवाब देगी।


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