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Pegasus Case: राहुल गांधी, अभिषेक बनर्जी और प्रशांत किशोर को बयान देने के लिए बुलाया गया

Pegasus Case पेगासस के मामले में पश्चिम बंगाल के जांच आयोग ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर को बयान देने के लिए नोटिस जारी कर दिया है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sun, 05 Dec 2021 02:58 PM (IST)Updated: Sun, 05 Dec 2021 02:58 PM (IST)
Pegasus Case: राहुल गांधी, अभिषेक बनर्जी और प्रशांत किशोर को बयान देने के लिए बुलाया गया
राहुल गांधी और प्रशांत किशोर को बयान देने के लिए बुलाया गया। फाइल फोटो

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल के जांच आयोग ने पेगासस मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर को बयान देने के लिए नोटिस जारी किया है। कुल 31 लोगों को बंगाल के आयोग के समक्ष पेश होने का नोटिस जारी किया गया है। जल्द ही कुछ और नोटिस भेजे जाने की संभावना है, क्योंकि कथित तौर पर जासूसी के शिकार कुछ और लोगों के पते-ठिकाने की अभी जानकारी जुटाई जा रही है। बयानों की रिकार्डिंग 21 दिसंबर तक चलेगी। सूत्रों ने कहा कि आयोग ने उन लोगों को भी गवाही की अनुमति दी है, जो साक्ष्य के तौर पर अपने कथित ‘इनफेक्टेड’ उपकरणों को जमा कराते हैं। अब तक तीन लोगों ने आयोग के समक्ष वर्चुअली अपनी गवाही दी है और एक व्यक्तिगत तौर पर पेश हुए हैं।

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गौरतलब है कि 26 जुलाई को बंगाल कथित पेगासस जासूसी मामले की जांच का आदेश देने वाला पहला राज्य बन गया था। इस मुद्दे पर नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को लगातार घेरने वाली मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जज जस्टिस मदन बी लोकुर और कलकत्ता हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त चीफ जस्टिस ज्योतिर्मय भट्टाचार्य की अगुआई में एक आयोग के गठन की घोषणा की थी। आयोग को इन आरोपों की जांच का जिम्मा सौंपा गया है कि इजरायल के स्पाइवेयर का इस्तेमाल कर भारत में तमाम प्रमुख लोगों की जासूसी की गई  थी।तीन अगस्त को बंगाल के प्रमुख अखबारों में एक सार्वजनिक सूचना छपी जिसमें सभी नागरिकों से 30 दिनों के भीतर पेगासस से संबंधित कोई भी जानकारी उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया था। सूत्रों ने बताया कि 30 नवंबर 2021 तक आयोग ने स्पाइवेयर के कथित पीड़ितों को कुल 42 नोटिस भेजे थे। इसमें 31 अलग-अलग लोगों को आयोग के समक्ष पेश होने के लिए भेजे गए नोटिस के अलावा 11 रिमाइंडर भी शामिल हैं। पेगासस मामले में कथित कम से कम 174 ऐसे लोगों के नाम थे, जिनकी कथित तौर पर जासूसी की गई थी। सूची में राजनेता, न्यायाधीश, नौकरशाह, पत्रकार, सामाजिक कार्यकर्ता और अन्य प्रमुख हस्तियां शामिल थी। 


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