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सिर्फ आय का केंद्र न बने निजी शिक्षा संस्थान : पार्थ

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा है कि निजी तकनीकी शिक्षा संस्थानों को ि

By JagranEdited By: Published: Mon, 11 Dec 2017 02:59 AM (IST)Updated: Mon, 11 Dec 2017 02:59 AM (IST)
सिर्फ आय का केंद्र न बने निजी शिक्षा संस्थान : पार्थ

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा है कि निजी तकनीकी शिक्षा संस्थानों को सिर्फ आय का ही केंद्र नहीं बाना चाहिए। इसके बदले छात्रों को तकनीकी रूप से प्रशिक्षित करने व बेहतर शिक्षा देने के बारे में भी सोचना चाहिए। चटर्जी ने शनिवार को पश्चिम बंगाल में उच्च और तकनीकी शिक्षा के प्रसार पर आयोजित एक संगोष्ठी में यह बातें कही। उन्होंने कहा कि निजी संस्थानों को अपने पाठ्यक्रम को उन्नत करने पर और अधिक बल देना चाहिए लेकिन देखा जाता है कि कुछ तकनीकी शिक्षण संस्थान बाहरी दिखावे पर जोर देते है। ज्यादातर संस्थानों में बुनियादी ढाचे की कमी है। राज्य सरकार निजी संस्थानों के कामकाज में हस्तक्षेप नहीं करना चाहती है लेकिन वहां भी कुछ होता है तो सरकार को ही जिम्मेदार ठहराया जाता है। इस तथ्य के बारे में सोचना चाहिए कि संस्थानों में से अधिकाश के परिसर में प्लेसमेंट यानी रोजगार घट रहे हैं।

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उन्होंने कहा कि निजी संस्थानों को कमाई के केंद्रों में बदलना नहीं चाहिए। उत्कृष्ट शिक्षा प्रतिष्ठान बनाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। हालांकि सभी शिक्षण संस्थान समान नहीं है। इस मामले में जरूर कुछ निजी शिक्षण संस्थान अपवाद हैं।

चटर्जी ने कहा कि भारत 2020 तक कुशल श्रम शक्ति के मामले में सबसे ऊपर होगा और राज्य को शिक्षित और तकनीकी रूप से कुशल छात्रों को चुनौती का सामना करने के लिए तैयार करना होगा। 2011 से लेकर अब तक कुल 47 कॉलेजों और 23 नए विश्वविद्यालयों को निजी और सरकारी क्षेत्र में स्थापित किया गया है।

उन्होंने कहा कि प्राथमिक विद्यालयों में 6,000 शिक्षकों की नियुक्ति की गई है। इसके अतिरिक्त माध्यमिक, उच्च माध्यमिक, कालेज और विश्वविद्यालयों में कुल मिलाकर एक लाख शिक्षकों की नियुक्ति की गई है। राज्य सरकार प्रत्येक उप-महकमे में एक पॉलिटेक्निक इंस्टीच्यूट और ब्लॉक स्तर आइटीआइ प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करेगी।


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