President Election 2022: द्रौपदी मुर्मू को सीएम ममता बनर्जी ने दी बधाई, टीएमसी ने लिया यू-टर्न
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद के लिए नामांकन के बाद उन्हें बधाई दी। आज उनकी पार्टी ने भी यू टर्न ले लिया। टीएमसी ने कहा कि द्रौपदी मुर्मू का नाम राष्ट्रपति उम्मीदवार के लिए सबसे पहले उनकी पार्टी ने प्रस्तावित किया था।
कोलकाता, ऑनलाइन डेस्क। भाजपा नीत एनडीए (National Democratic Alliance) की राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) ने शुक्रवार (24 जून) को दिल्ली में नामांकन किया। इसके बाद पश्चिम बंगाल की सीएम व तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी (CM Mamta Banerjee) ने उन्हें बधाई दी। द्रौपदी मुर्मू ने फोन पर ममता से बात की और चुनाव में समर्थन करने का अनुरोध किया है। ममता ने उन्हें समर्थन देने का फैसला पार्टी पर छोड़ दिया है। आज ही तृणमूल के प्रवक्ता ने यू-टर्न लेते हुए कहा है कि एक आदिवासी महिला द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाने का प्रस्ताव सबसे पहले उनकी पार्टी ने ही दिया था।
इस तरह लिया यू-टर्न
बता दें कि कल तक पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी विपक्षी पार्टियों को एकजुट कर विपक्ष का राष्ट्रपति उम्मीदवार देने में व्यस्त थी और आज भाजपा नीत एनडीए के उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को नामांकन के बाद बधाई दी। उन्होंने पिछले दिनों दिल्ली में विपक्ष का राष्ट्रपति उम्मीदावार देने के लिए विपक्षी पार्टियों की बैठक भी बुलाई। 22 राजनीतिक दलों को इसमें भाग लेने के लिए पत्र लिखकर आमंत्रित किया। विपक्ष ने पूर्व केंद्रीय मंत्री व पीएम नरेंद्र मोदी के धूर विरोधी यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) को अपना उममीदवार भी चुन लिया। इसके बाद गत बुधवार को ही ममता की पार्टी तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता व सांसद सौगत राय (TMC Leader MP Saugat Roy) ने द्रौपदी मुर्मू को बतौर राष्ट्रपति उम्मीदवार एक कमजोर प्रत्याशी बता दिया। यहीं नहीं उनकी शिक्षा व प्रशासनिक अनुभव पर भी सवाल खड़े किए। हालांकि शुक्रवार को उनकी पार्टी ने यू टर्न ले लिया। तृणमूल के प्रवक्ता कुणाल घोष (Kunal Ghosh) ने कहा है कि द्रौपदी मुर्मू का नाम राष्ट्रपति उम्मीदवार के लिए सबसे पहले उनकी पार्टी ने ही प्रस्तावित किया था।
तृणमूल कांग्रेस प्रवक्ता कुणाल घोष ने दावा किया कि राष्ट्रपति पद के लिए झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू का नाम सबसे पहले उन्हीं की पार्टी ने प्रस्तावित किया था। घोष ने कहा कि 2017 में तृणमूल ने प्रणब मुखर्जी, नजमा हेपतुल्ला और द्रौपदी मुर्मू का नाम प्रस्तावित किया था। इस सिलसिले में टीएमसी की ओर से प्रधानमंत्री को पत्र भी लिखा गया था।
ममता ने कहा, पार्टी करेगी समर्थन देने का फैसला
जानकारी के मुताबिक, द्रौपदी मुर्मू ने बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी से फोन पर बात की और ममता से अपने लिए समर्थन मांगा है। द्रौपदी मुर्मू के साथ फोन पर बातचीत में ममता बनर्जी ने उन्हें अपनी तरफ से बधाई और शुभकामनाएं दीं। लेकिन उन्होंने तृणमूल के समर्थन पर हामी नहीं भरी। ममता ने एनडीए उम्मीदवार मुर्मू से कहा कि पार्टी तय करेगी कि राष्ट्रपति चुनाव में क्या करना है। ममता और विपक्षी दलों ने तृणमूल नेता यशवंत सिन्हा को राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बनाया हैं।
आदिवासी समुदाय पर टीएमसी का दांव
इधर, सियासी विश्लेषक ममता बनर्जी की बधाई और टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष के बयान को बंगाल में आदिवासी समुदाय को अपने साथ बनाए रखने की कवायद मान रहे हैं। उनका कहना है कि ममता बनर्जी भाजपा को एक आदिवासी समुदाय की महिला को सर्वोच्च पद पर आसीन करने का क्रेडिट नहीं लेने देना चाहतीं। इसलिए टीएमसी की ओर से कहा जा रहा है कि इस समुदाय को भी राजनीति में सर्वोच्च पद तक पहुंचाने की बात सबसे पहले उनकी पार्टी ने ही की थी। दीगर है कि बंगाल में 16 विधानसभा की सीटें और दो लोकसभा की सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं।