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प्रशांत किशोर ने तृणमूल कांग्रेस के लिए निर्धारित किए 10 दिशानिर्देश

Prashant Kishor. पीके ने जो दिशा निर्देश सूचीबद्ध किए हैं उसमें जमीनी स्तर पर नेतृत्व को मजबूत करने और आम जनता के बीच सहजता से नेताओं की उपस्थिति फोकस में है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Wed, 31 Jul 2019 08:03 PM (IST)Updated: Wed, 31 Jul 2019 08:03 PM (IST)
प्रशांत किशोर ने तृणमूल कांग्रेस के लिए निर्धारित किए 10 दिशानिर्देश
प्रशांत किशोर ने तृणमूल कांग्रेस के लिए निर्धारित किए 10 दिशानिर्देश

जागरण संवाददाता, कोलकाता। चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (पीके) ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सदस्यों के लिए 10 दिशानिर्देश जारी किया है। तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी के साथ अपनी पहली आधिकारिक बैठक के चौदह दिन बाद पीके के रणनीति का कई असर पार्टी के कार्यक्रम व सांगठनिक बदलाव में भी दिख रहा है।

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जानकारी के अनुसार, पीके ने जो दिशा निर्देश सूचीबद्ध किए हैं उसमें जमीनी स्तर पर नेतृत्व को मजबूत करने और आम जनता के बीच सहजता से नेताओं की उपस्थिति फोकस में है। भाजपा के मजबूत आईटी सेल से निपटने के लिए उन्होंने खासकर सोशल मीडिया पर ध्यान केंद्रित करने को भी कहा है। सूत्रों ने बताया कि पीके ने ममता को पार्टी कैडरों के जमीनी स्तर पर प्रदर्शन की समीक्षा करने की सलाह दी थी।

उल्लेखनीय है कि सोमवार को तृणमूल प्रमुख ने दीदीके बोलो हेल्पलाइन व वेबसाइट जारी किया तो वे मंच पर अकेले ही दिखीं, इसे भी किशोर की रणनीति का ही हिस्सा समझा जा रहा है। जहां तक पार्टी के नेताओं और कैडर का संबंध है, किशोर ने उन्हें चुनाव मोड से बाहर आने और बूथ स्तर पर पार्टी को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा है। पीके ने कहा कि पार्टी के नेता विपक्ष द्वारा लगाए जाने वाले ऐसे आरोपों से बचें जो हिंसा का कारण बन सकते हैं। पीके ने गैर-राजनीतिकरण रैलियां करने व पदयात्रा निकालने की भी सलाह दी है।

सूत्रों के अनुसार, टीएमसी सदस्यों को अक्टूबर तक निर्देशों का पालन करने के लिए कहा गया है जिसके बाद किशोर वर्ष के अंत तक दूसरी सूची तैयार करेंगे। राजनीतिक रणनीतिकार ने कथित तौर पर पार्टी को अपने सुझावों पर ध्यान देने के लिए कहा है, जिससे विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी को सांगठनिक मजबूती प्रदान की जा सके।

सूत्रों ने बताया कि किशोर ने पार्टी नेताओं के साथ बैठक में कहा था कि लोकसभा चुनाव एक युद्ध की तरह था, जिसे हर कोई जीतना चाहता था लेकिन सफलता हासिल करने के लिए अनुशासित होना चाहिए। उन्होंने नेताओं को बताया कि हमें 2021 के विधानसभा चुनावों के बारे में बेचैन नहीं होना चाहिए। हमें चुनाव मोड से बाहर आने और जमीनी स्तर पर पार्टी के लिए काम करना चाहिए।

भाजपा, कांग्रेस, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी और जेडीयू के लिए प्रशांत किशोर काम कर चुके हैं। उनका पहला बड़ा अभियान 2011 में था जब उन्होंने गुजरात में नरेंद्र मोदी सरकार की तीसरी जीत में रणनीतिकार के तौर पर काम किया था। वह तब सुर्खियों में आए जब उन्होंने 2014 के आम चुनावों में मोदी और भाजपा को सत्ता में लाने में मदद की। 2014 से, किशोर ने बिहार में नीतीश कुमार, पंजाब में अमरिंदर सिंह और आंध्र प्रदेश में वाईएस जगन मोहन रेड्डी की मदद की है।

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