प्रणब मुखर्जी ने कहा- पत्रकारिता में कोलकाता का समृद्ध इतिहास
पूर्व राष्ट्रपति ने कहा-एक समय देश में निकलने वाले 76 समाचारपत्रों में से 38 कोलकाता से होते थे प्रकाशितपत्रकारों को दी नसीहत कहा-100 फीसद सही तथ्यों पर आधारित होनी चाहिए खबरें।
कोलकाता, जागरण संवाददाता। पत्रकारिता में कोलकाता का समृद्ध इतिहास है। कोलकाता पत्रकारिता का पालना रहा है। 1876 में हुए एक सर्वेक्षण के मुताबिक उस वक्त देश में निकलने वाले 76 समाचारपत्रों में से 38 कोलकाता से प्रकाशित होते थे। पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न प्रणब मुखर्जी ने 8वें जर्नलिजम अवार्ड्स समारोह में अपने संबोधन में ये बातें कही।
उन्होंने आगे कहा-'पत्रकारिता की स्वतंत्रता संग्राम व सामाजिक उत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका रही है। मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है, हालांकि बड़ी शक्तियों के साथ बड़ी जिम्मेदारियां भी मिलती हैं। प्रणब ने पत्रकारों को नसीहत देते हुए कहा-'आपके पास लोगों का दृष्टिकोण बदलने का सशक्त माध्यम है इसलिए सावधान रहना भी जरूरी है। सभी को अपने विचार व्यक्त करने का अधिकार है लेकिन वे 100 फीसद सही तथ्यों पर आधारित होने चाहिए।
खबर लिखने वालों को निष्पक्ष होना चाहिए। उन्हें किसी खबर में अपने व्यक्तिगत विचारों का मिश्रण नहीं करना चाहिए। पाठक किस विचार को ग्रहण करते हैं, यह उनपर छोड़ देना चाहिए। आज सोशल मीडिया का प्रभाव बढ़ रहा है। इससे भी सावधान रहने की जरुरत है क्योंकि कुछ शरारती तत्व बहुत खुद से गढ़ी बेबुनियादी खबरें फैला रहे हैं। अगर आप उनका अनुसरण करेंगे तो वे आपको बदल देंगे।'
मैं कंफर्मपत्रकार नहीं
प्रणब ने पुराने दिनों को याद करते हुए कहा-'राजनीति में आने से पहले मैं पढ़ाता था। उस समय एक मासिक पत्रिका भी निकालता था। बंगाल में पंचायत राज काफी देर से शुरू हुआ था। मैंने लोगों को इस बारे में अपनी मासिक पत्रिका के जरिए बताया था लेकिन मैं एक कंफर्म पत्रकार नहीं था।
पूर्व राष्ट्रपति ने समारोह में वरिष्ठ पत्रकार मनोजीत मित्र को प्रथम सुमित सेन मेमोरियल लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से पुरस्कृत किया। समारोह में विभिन्न पत्रकारों को पुरस्कृत किया गया।