चिप्स के लिए बंगाल बढ़ाएगा चंद्रमुखी आलू का उत्पादन
पश्चिम बंगाल मे चिप्स उद्योग को बढ़ावा देने के लिए राज्य कृषि विभाग आलू की खेती को बढ़ावा देने की योजना पर काम कर रहा है।
By Edited By: Published: Tue, 06 Feb 2018 02:58 AM (IST)Updated: Wed, 07 Feb 2018 05:01 PM (IST)
style="text-align: justify;">जागरण संवाददाता, कोलकाता : पश्चिम बंगाल मे चिप्स उद्योग को बढ़ावा देने के लिए राज्य कृषि विभाग आलू की खेती को बढ़ावा देने की योजना पर काम कर रहा है। इससे पहले इस व्यवसाय से जुड़े लोगो ने अपनी समस्या से सरकार को अवगत कराया था। दरअसल चिप्स के लिए पश्चिम बंगाल मे चंद्रमुखी आलू की अधिक मांग है लेकिन मांग के मुकाबले इसकी पैदावार काफी कम है। केवल 10 से 12 हेक्टेयर जमीन पर ही चंद्रमुखी आलू की खेती होती है। वही, राज्य मे सबसे अधिक ज्योति आलू की खेती होती है। ज्योति आलू को चिप्स के लिए उपयुक्त नही माना जाता क्योकि इसमे पानी की मात्रा अधिक होती है। उल्लेखनीय है कि वाममोर्चा सरकार के समय ही पेप्सीको की ओर से राज्य मे प्रथम चिप्स कारखाना लगाने की पेशकश की गई थी। तब यह तय हुआ था कि चिप्स के लिए आलू की आपूर्ति राज्य की ओर से ही किया जाएगा लेकिन आकार मे छोटे होने के कारण आलू को दूसरे राज्यो से आयात किया जाने लगा। राज्य मे चंद्रमुखी आलू की पैदावार बढ़ाने के लिए कृषि जमीन परीक्षण केद्र को और बढ़ाया जाएगा। वर्तमान मे राज्य मे 18 केद्र है जहां मिट्टी का परीक्षण किया जाता है। इनमे से 12 केद्र सीधे राज्य सरकार के अधीन है जबकि बाकी सरकारी सहायता प्राप्त केद्र है। इसके साथ ही सरकार की योजना बीज परीक्षण केद्रो को भी बढ़ाने की है। वर्तमान मे राज्य मे पांच बीज परीक्षण केद्र है। इस बाबत राज्य के कृषि मंत्री आशीष बनर्जी ने विधानसभा मे एक सवाल के जवाब मे बताया कि राज्य मे जो आलू पैदावार होता है उसमे चिप्स बनाना संभव नही लिहाजा आलू की खेती को और बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री ने हमलोगो से कहा है कि आप जो कर सके उसी का जिक्र करे इसलिए हम जो करेगे वही कह रहे है। इस दिन मंत्री ने आलू के अलावा फिर से कुछ ऐसे धान उत्पादन की भी बात कही जो अब राज्य मे ना के बराबर किया जाता है। इनमे राधुनी पागल, कोमल, दुध सड़ आदि। कोमल ब्लैक राइस को कहा जा रहा है। बताया जाता है कि इसको पकाने मे गर्म जल की जरुरत नही पड़ेगी बल्कि ठंडा पानी से ही यह तैयार हो जाएगा लेकिन इसे चावल अथवा सब्जी से नही बल्कि दही या गुड़ के साथ खाया जा सकेगा। राधुनी पागल को सुगंध के लिए खास तौर पर पहचाना जाता है।
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