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प्रदूषण बोर्ड ने कोलकाता में स्थापित किए 75 वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशन

पश्चिम बंगाल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (डब्ल्यूबीपीसीबी) ने वायु प्रदूषण का मुकाबला करने के लिए पूरे राज्यभर में 75 वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशन स्थापित किए हैं।

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 16 May 2018 02:16 PM (IST)Updated: Thu, 17 May 2018 02:45 PM (IST)
प्रदूषण बोर्ड ने कोलकाता में स्थापित किए 75 वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशन

 कोलकाता, राज्य ब्यूरो। पश्चिम बंगाल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (डब्ल्यूबीपीसीबी) ने वायु प्रदूषण का मुकाबला करने के लिए पूरे राज्यभर में 75 वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशन स्थापित किए हैं। डब्ल्यूबीपीसीबी के अध्यक्ष कल्याण रूद्र ने मंगलवार को इसकी जानकारी देते हुए बताया कि इनमें से 17 निगरानी स्टेशन सिर्फ कोलकाता में स्थापित किए गए हैं जहां प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ा है।

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उन्होंने बताया, इस कदम का उद्देश्य प्रदूषण के स्त्रोतों की पहचान करना है ताकि उससे मुकाबला के लिए जरूरी कदम उठाया जा सके। रूद्र ने बताया, 2011 में डब्ल्यूबीपीसीबी के पास पूरे राज्य में मात्र 48 प्रदूषण निगरानी स्टेशन था। बोर्ड के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उसके अधीन कार्यरत सभी प्रदूषण निगरानी इकाई के अधिक से अधिक क्षेत्रों को वायु गुणवत्ता निगरानी के लिए शामिल किया गया है।

कई प्रदूषण विशेषज्ञों व विपक्षी दलों का यह कहना कि डब्ल्यूबीपीसीबी के लगभग सभी वायु निगरानी स्टेशन पुराने या निष्क्रिय हो चुके हैं इस आरोप को कल्याण रूद्र ने सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, महानगर में स्थित 17 निगरानी स्टेशनों में से 15 को मैन्युअल रूप से संचालित किया जा रहा है जबकि दो स्वचालित है। इसके अलावा दो स्टेशनों का नवीनीकरण कार्य जारी है जो एक महीने में पूरा होने की उम्मीद है।

वहीं, कोलकाता में प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर पर पहुंचने के सवाल पर रूद्र ने कहा कि इसके लिए मौसम संबंधी कारक जिम्मेदार है। उन्होंने कहा, अत्यंत खराब मौसम की स्थिति में ज्यादा कुछ नहीं किया जा सकता है। इसके अलावा इस आरोप को उन्होंने सिरे से खारिज करते हुए दावा किया कि कोलकाता निश्चित रूप से दुनिया के शीर्ष प्रदूषित शहरों में शामिल नहीं है।

साथ ही उन्होने कहा, डब्ल्यूबीपीसीबी ने लोगों के अनुकूल पर्यावरण परिवेश कायम करने के लिए कोलकाता मेट्रोपॉलिटन एरिया में प्रदूषण के स्त्रोतों को जानने के लिए राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान के साथ समझौता किया है। दूसरी तरफ, जाने-माने पर्यावरणविद् एसएम घोष ने कहा कि महानगर में प्रदूषण की स्थित खतरनाक स्तर पर है और शहर में कम से कम 40 स्वचालित वायु गुणवत्ता निगरानी उपकरणों की तत्काल जरूरत है। 


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