सत्तारुढ़ तृणमूल कांग्रेस व भाजपा के बीच सियासी घमासान, बंगाल भाजपा ने की चुनाव आयोग से ममता की शिकायत
भाजपा का आरोप-मुख्यमंत्री चुनाव से पहले सरकारी कर्मचारियों के साथ बैठकर उनके लिए घोषणाएं करके नियमों की अवहेलना कर रही है और चुनाव कार्यों को प्रभावित करना चाहती है। इस बात पर भी आपत्ति जताई उन्होंने सिर्फ तृकां समर्थित सरकारी कर्मियों के संगठनों के साथ ही बैठक क्यों की।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस व भाजपा के बीच सियासी घमासान जारी है। इस बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा तृणमूल समर्थित पश्चिम बंग राज्य कर्मचारी फेडरेशन के प्रतिनिधियों के साथ राज्य सचिवालय नवान्न में बैठक किए जाने पर आपत्ति जताते हुए प्रदेश भाजपा ने शुक्रवार को चुनाव आयोग से शिकायत की।
नियमों की अवहेलना कर चुनाव कार्यों को प्रभावित करना चाहती है
प्रदेश भाजपा के चार सदस्य प्रतिनिधि मंडल ने राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) को ज्ञापन सौंपकर इस मामले में कार्रवाई की मांग की। साथ ही राज्य में स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने की मांग की। भाजपा ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री चुनाव से पहले सरकारी कर्मचारियों के साथ इस तरह की बैठक कर व उनके लिए घोषणाएं कर नियमों की अवहेलना कर रही है और चुनाव कार्यों को प्रभावित करना चाहती है।
आयोग से मांग-चुनाव के कार्यों में केंद्रीय कर्मियों का इस्तेमाल हो
भाजपा ने इस बात पर भी आपत्ति जताई कि मुख्यमंत्री ने सिर्फ तृणमूल समर्थित सरकारी कर्मचारियों के संगठनों के साथ ही बैठक क्यों की। प्रतिनिधिमंडल ने आयोग से यह भी मांग की कि आगामी विधानसभा चुनाव के कार्यों में राज्य सरकार के एक भी कर्मचारियों को नहीं लगाया जाए। उनकी जगह केंद्रीय कर्मचारियों के इस्तेमाल की मांग की।
डीए में जनवरी में 3 फीसद की बढ़ोतरी की भी घोषणा की गई थी
प्रतिनिधिमंडल में राज्यसभा सदस्य स्वपन दासगुप्ता, प्रदेश भाजपा के उपाध्यक्ष प्रताप बनर्जी, प्रदेश सचिव सब्यसाची दत्ता एवं चुनाव संबंधी कार्यों के कन्वेनर शिशिर बाजोरिया शामिल थे। बताते चलें की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक दिन पहले गुरुवार को नवान्न में सरकारी कर्मचारियों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की थी। इस दौरान उन्होंने राज्य सरकार के कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (डीए) में जनवरी में 3 फीसद की बढ़ोतरी की भी घोषणा की थी।