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पटाखों का शोर रोकने के लिए पुलिस करेगी माइक से प्रचार, दिवाली में पटाखों को लेकर लोगों को किया जागरूक

दीपावली व काली पूजा के दौरान पटाखों की शोर को सीमित करने व प्रतिबंधित पटाखे बजाने से लोगों को रोकने को कोलकाता पुलिस ने माइक पेट्रोलिंग कर प्रचार करने का निर्णय लिया है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Fri, 25 Oct 2019 03:45 PM (IST)Updated: Fri, 25 Oct 2019 03:45 PM (IST)
पटाखों का शोर रोकने के लिए पुलिस करेगी माइक से प्रचार, दिवाली में पटाखों को लेकर लोगों को किया जागरूक

कोलकाता, जागरण संवाददाता। दीपावली व काली पूजा के दौरान पटाखों की शोर को सीमित करने व प्रतिबंधित पटाखे बजाने से लोगों को रोकने को कोलकाता पुलिस ने महानगर के आवासनों में माइक पेट्रोलिंग कर प्रचार करने का निर्णय लिया है। वहीं इस दौरान पुलिस लोगों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करने साथ ही उन्हें पटाखों से फैलने वाले प्रदूषण से अवगत कराने का काम करेगी।

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महानगर के राजाबगान इलाके में खुले पुलिस चौकी के उद्घाटन कार्यक्रम में शरीक हुए कोलकाता पुलिस आयुक्त अनुज शर्मा ने उक्त बातें कही। हालांकि, पुलिस प्रशासन के प्रयासों के बावजूद हर साल दीपावली व काली पूजा के दौरान भारी संख्या में लोग पटाखों की चपेट में आने से जख्मी होते हैं। ऐसे में पटाखों की शोर को सीमित करने को कोलकाता पुलिस खासा तत्पर नजर आ रही है और इसके लिए लगातार जागरूकता अभियान के साथ ही कोलकाता पुलिस की टीम ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों संग बैठक भी की है।

वहीं जगह-जगह पुलिसिया दबिश में भारी संख्या में प्रतिबंधित पटाखे बरामद किए गए हैं। दूसरी ओर कोलकाता पुलिस आयुक्त ने पुलिस आवासनों में भी प्रचार व निगरानी का निर्देश दिया है। आरोप है कि पिछले साल पुलिस आवासनों में भी भारी मात्र में प्रतिबंधित पटाखे बजाए गए थे।

पुलिस आयुक्त ने कहा कि अगर पुलिस आवासन में पटाखे बजाए जाते हैं और हम लोगों को ऐसा करने से रोकते हैं तो समाज में गलत संदेश जाएगा। इसलिए जरूरी है कि पिछली शिकायतों पर ध्यान केंद्रित करते हुए पुलिस आवासन में भी रहने वाले परिवारों के सदस्यों को जागरूक किया जाए कि वे ऐसा न करें।

दिवाली में पटाखों को लेकर लोगों को किया जागरूक

दिवाली पर होने वाला प्रदूषण सेहत के लिए बेहद हानिकारक है। हवा में बारूद का जहर घुलता है। ऊंची आवाज वाले पटाखों से कान के पदोर्ं पर बुरा असर पड़ता है। मिट्टी भी प्रदूषित होती है। पटाखों का कचरा मिट्टी की ऊर्वरा शक्ति को कम करता है। यह बात महानगर में दिवाली में सावधानियों को लेकर आयोजित कार्यक्रम में कोलंबिया एशिया अस्पताल के मेडिसिन विभाग के चिकित्सक डॉ दीपंकर सरकार ने कही।

उन्होंने कहा कि अपने पर्यावरण की सुरक्षा के लिए दिवाली ऐसी मनाई जाए जो हमारे लिए सुरक्षित भी हो और सुंदर भी। सबसे पहले पटाखे जलाते समय सावधानियां बरतें। पटाखे के धीरे जलने या बुझने का अंदेशा होने पर पर कभी भी उसे झुक कर ना देखें। बच्चों से पटाखे दूर ही रखें। पटाखे हमेशा मान्यता प्राप्त दुकानदार से ही खरीदें। पटाखे जलाने से पूर्व उनके पैकेट पर दिए गए निर्देश सावधानी से पढ़ें।

डॉक्टर सरकार ने कहा कि लहराते और खूब ज्यादा ढीले कपड़े ना पहनें। हो सके तो कॉटन के कपड़े ही पहनें। संभव हो तो कैप और सेफ्टी गॉगल का इस्तेमाल करें। पटाखों से जलने पर तुरंत पानी या बर्फ लगाएं। जरूरत पड़ने पर चिकित्सक की सलाह लें। गैस सिलेंडर के आसपास पटाखे ना जलाएं। जब आप अपने पटाखे जला लें तो जिम्मेदार नागरिक बनिए, सारा कचरा साफ करें।

 अपने हाथ और पैर अच्छे से धोएं। पटाखों का कचरा जहरीला होता है। इसे ग्लोब्स पहन कर ही उठाएं। पटाखों को चलाने से पूर्व पता करें कि आपके आसपास कितने घरों में बुजुर्ग, बीमार, बच्चे और पालतु जानवर है। अगर इनमें से कोई भी आपके शोर से परेशान हो तो दूर खुले मैदान में जाकर आतिशबाजी करें। रिहायशी इलाकों में पटाखों से वैसे भी बचना चाहिए।


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