मुकुल राय को 31 मार्च तक गिरफ्तार न करे पुलिस
अदालत ने गत 30 जनवरी को हुई सुनवाई में राज्य को मृणाल कांति के इलाज से जुड़े सभी दस्तावेजों को पेश करने को कहा था।
-कलकत्ता हाईकोर्ट ने दिया निर्देश, 15 मार्च को होगी मामले पर अगली सुनवाई
-जनवरी, 2015 में मृणाल कांति सिंह राय नामक व्यक्ति की मृत्यु का है मामला
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कोलकाता, जागरण संवाददाता। कलकत्ता हाईकोर्ट ने जनवरी, 2015 में मृणाल कांति सिंह राय नामक व्यक्ति की मृत्यु के मामले में भाजपा नेता मुकुल राय को दी गई अंतरिम राहत को बढ़ाते हुए राज्य पुलिस को उन्हें 31 मार्च तक गिरफ्तार नहीं करने का निर्देश दिया है। राज्य पुलिस की ओर से अदालत में याचिका दायर कर मृणाल कांति के इलाज एवं मृत्यु से संबधित दस्तावेजों को तलाशने के लिए समय मांगा गया था, जिसपर विचार करते हुए अदालत ने यह निर्देश दिया।
मुकुल राय की तरफ से भी अग्रिम जमानत याचिका दायर की गई थी। न्यायाधीश जयमाल्य बागची और न्यायाधीश आर भारद्वाज की खंडपीठ ने राज्य सरकार को कागजात पेश करने के लिए 15 मार्च तक का समय दिया है। उस दिन इस मामले पर अगली सुनवाई होगी। तृणमूल छोड़कर भाजपा में शामिल हुए मुकुल राय को इससे पहले अदालत ने मामले की जांच में राज्य पुलिस का सहयोग करने और जब जहां भी जरुरत पड़े, जांच अधिकारी के सामने उपस्थित होने का निर्देश दिया था। मृणाल कांति मुकुल के शुरुआती दिनों के मेंटर बताए जा रहे हैं।
अदालत ने गत 30 जनवरी को हुई सुनवाई में राज्य को मृणाल कांति के इलाज से जुड़े सभी दस्तावेजों को पेश करने को कहा था। गौरतलब है कि मृणाल कांति 8 जून, 2011 को उत्तर 24 परगना जिले के हालीशहर से कांचरापाड़ा स्थित अपने घर लौटते वक्त कथित तौर पर सड़क हादसे में जख्मी हो गए थे। उन्हें एक स्थानीय नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया था। वहां से उन्हें कोलकाता के एक अस्पताल में स्थानांतरित किया गया था। उनकी बहन सोनाली कुंडु ने आरोप लगाया कि अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद उन्हें मुकुल राय की निगरानी में एक लॉज में ठहराया गया था, जहां उनके गले में संक्रमण हो गया था। जनवरी, 2015 में लंबे इलाज के बाद उनकी मृत्यु हो गई थी। उन्होंने दावा किया कि अस्पताल से उन्हें पता चला कि उनके भाई की मृत्यु आंतरिक रक्तस्राव से हुई है। उन्होंने इसमें मुकुल राय का हाथ बताया।