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Diwali pollution: दिवाली बाद कोलकाता की हवा में घुला जहर, प्रदूषण बढ़ा

महानगर में दिवाली की रात हुई व्यापक आतिशबाजी से राजधानी में प्रदूषण का स्तर सामान्य से 17 गुना अधिक बढ़ गया है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 31 Oct 2019 02:14 PM (IST)Updated: Thu, 31 Oct 2019 02:14 PM (IST)
Diwali pollution: दिवाली बाद कोलकाता की हवा में घुला जहर, प्रदूषण बढ़ा
Diwali pollution: दिवाली बाद कोलकाता की हवा में घुला जहर, प्रदूषण बढ़ा

कोलकाता, जागरण संवाददाता। महानगर में दिवाली की रात हुई व्यापक आतिशबाजी से राजधानी में प्रदूषण का स्तर सामान्य से 17 गुना अधिक बढ़ गया है। राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी आंकड़े के मुताबिक रविवार और सोमवार को दिवाली की रात हवा में प्रदूषण का सूचकांक 863 पर पहुंच गया, जो सामान्य से करीब 17 गुना अधिक है।

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दरअसल वायु में प्रदूषण कारक तत्वों की मात्रा अगर 50 मिलीग्राम हो तो वह सामान्य मानी जाती है और जैसे ही यह आंकड़ा 200 पर पहुंचता है, उसे खतरनाक की श्रेणी में रखा जाता है। ऐसे में कोलकाता में दिवाली की रात इतना अधिक प्रदूषण महानगर वासियों के लिए मुश्किल का सबब बन गया है।

नवजात, बच्चों, बुजुर्गो, हृदय और फेफड़े की बीमारी से ग्रसित लोगों को इससे किसी भी समय जानलेवा खतरा हो सकता है। प्रदूषण के मामले में दिल्ली पहले नंबर पर रहा है। दीपावली वाली रात 10 बजे वहां प्रदूषण का सूचकांक 1263 रिकार्ड किया गया है, जो सामान्य से 25 गुना अधिक है। हालांकि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का कहना है कि सोमवार सुबह से उत्तरी हवाएं चलने की वजह से प्रदूषण धीरे-धीरे घटता रहा। 

विसर्जन के बाद घाटों की सफाई में जुटा निगम

काली पूजा विसर्जन को लेकर एक तरफ जहां प्रशासन पूरी तरह से सजग (पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था व ट्रैफिक नियमन) रहा, वहीं प्रतिमा के अवशेषों की सफाई को लेकर भी निगम की सक्रियता खूब दिखी। शहर के विभिन्न गंगा घाटों पर प्रतिमाएं विसर्जन के लिए जुटने लगीं। इस दिन विसर्जन का अंतिम दिन होने के कारण शहर के बड़े-छोटे सभी पूजा आयोजकों की तमाम प्रतिमाएं गंगा नदीं में प्रवाहित की गईं।

पुलिस प्रशासन की ओर से प्रतिमा विसर्जन झांकियों को नियमित करने के लिए गंगा घाटों के समीपवर्ती इलाके में ट्रैफिक पुलिस की मुकम्मल व्यवस्था की गई थी। प्रत्येक मोड़ पर ट्रैफिक पुलिस व सिविक वालंटियर कर्मी को तैनात किया गया था। इससे झांकियों में शामिल वाहनों को घाट तक सुचारू रूप से भेजने व वहां से फिर वापस उनके गंतव्य स्थल तक रवाना करने में ट्रैफिक जाम या कोई अन्य समस्या नहीं हुई।

प्रतिमा विसर्जन की प्रक्रिया पर भी पुलिस की पूरी निगरानी रही। इधर निगम की पहल भी प्रशंसनीय रही। महापर्व छठ पूजा को देखते हुए निगम विशेष तौर पर घाटों की सफाई को लेकर सजग दिखा। एक तरफ प्रतिमाएं गंगा में प्रवाहित की जा रही थीं, वहीं दूसरी ओर निगम के सफाई कर्मचारी प्रतिमाओं के अवशेषों को लगातार गंगा नदी से बाहर निकालकर उसके निबटान को सक्रिय रहे। शहर का सबसे प्रमुख व भव्य रामकृष्णपुर गंगा घाट पर लगभग दो दर्जन सफाई कर्मचारी पूरे दिन सफाई काम में जुटे रहे। प्रतिमाओं के अवशेषों को पानी से बाहर निकाल उन्हें जेसीबी की मदद से ट्रक पर लादकर तत्काल निपटान स्थल की ओर ले जाने की प्रकिया पूरे दिन चली।


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