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Gangasagar: कलकत्ता हाईकोर्ट के अगले कदम को लेकर पशोपेश में गंगासागर जाने वाले तीर्थयात्री

Gangasagar कोलकाता पहुंच चुके तीर्थयात्रियों का कहना है कि वे अगर गंगासागर चले जाते हैं और हाईकोर्ट पुण्य स्नान की अनुमति नहीं देता है तो काफी तकलीफ कर उनका वहां जाना व्यर्थ हो जाएगा और अगर वे नहीं जाते हैं।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sat, 09 Jan 2021 06:26 PM (IST)Updated: Sat, 09 Jan 2021 06:26 PM (IST)
Gangasagar: कलकत्ता हाईकोर्ट के अगले कदम को लेकर पशोपेश में गंगासागर जाने वाले तीर्थयात्री
कलकत्ता हाईकोर्ट के अगले कदम को लेकर पशोपेश में गंगासागर जाने वाले तीर्थयात्री। फाइल फोटो

विशाल श्रेष्ठ, कोलकाता। Gangasagar: कलकत्ता हाईकोर्ट के अगले कदम को लेकर गंगासागर जाने वाले तीर्थयात्री पशोपेश में हैं। उन्हें समझ नहीं आ रहा कि वे गंगासागर का रूख करें या नहीं। मुख्य न्यायाधीश टीबी राधाकृष्णन की पीठ ने गंगासागर मामले पर शुक्रवार को कहा कि मकर संक्रांति के दिन गंगासागर में पुण्य स्नान की अनुमति देने पर वह 13 जनवरी को फैसला सुनाएगी। कोलकाता पहुंच चुके तीर्थयात्रियों का कहना है कि वे अगर गंगासागर चले जाते हैं और हाईकोर्ट पुण्य स्नान की अनुमति नहीं देता है तो काफी तकलीफ कर उनका वहां जाना व्यर्थ हो जाएगा और अगर वे नहीं जाते हैं और अदालत अंतिम समय में पुण्य स्नान की अनुमति दे देती है तो उन्हें आधे रास्ते तक आकर आगे नहीं जाने का अफसोस होगा।

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मध्य प्रदेश के सतना से कोलकाता के आउट्राम घाट पहुंचे रामचंद्र प्रसाद ने कहा कि जब घर से चला था, तब ऐसी कोई जानकारी नहीं थी। यहां आकर पता चला। अब समझ नहीं आ रहा कि गंगासागर जाऊं या यहीं से लौट जाऊं। वहां जाकर अगर मकर संक्रांति पर पुण्य स्नान करने का मौका नहीं मिला तो फायदा क्या? बिहार के मधुबनी से पहुंचे शेखर यादव ने कहा कि परिवार लेकर आया हूं। अकेले होता तो गंगासागर चला गया होता। अब सोच रहा हूं कि वापस लौट जाऊं। कुछ तीर्थयात्री ऐसे हैं, जो 13 तारीख को हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद आगे के बारे में सोचेंगे। तब तक उन्होंने कोलकाता में ही ठहरने का फैसला किया है। कानपुर से आए राजीव महतो ने कहा कि 13 जनवरी की शाम तक हाईकोर्ट का फैसला आ जाएगा। अदालत पुण्य स्नान की अनुमति देगी तो गंगासागर जाऊंगा और नहीं देगी तो यहीं से लौट जाऊंगा। वहीं, कुछ तीर्थयात्री ऐसे भी हैं जिन्होंने गंगासागर जाने का फैसला किया है। रांची से आए सुनील मिश्रा ने कहा कि जब कोलकाता तक आया हूं तो गंगासागर जरूर जाऊंगा। आगे भगवान की मर्जी। उनकी कृपा रही तो गंगासागर में पुण्य स्नान करके ही लौटूंगा।

गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने गंगासागर मेले में कोरोना से सुरक्षा को लेकर ममता सरकार की तरफ से किए गए इंतजाम पर प्राथमिक तौर पर संतोष तो जताया है लेकिन मकर संक्रांति पर वहां पुण्य स्नान की अनुमति दी जाएगी या नहीं, इस पर अपने निर्णय को सुरक्षित रखा है। मुख्य न्यायाधीश ने गंगासागर मेले की तैयारियों पर गत गुरुवार को राज्य के मुख्य सचिव अलापन बंद्योपाध्याय से रिपोर्ट मांगी थी। दाखिल की गई रिपोर्ट पर गौर करने के बाद मुख्य न्यायाधीश ने प्राथमिक तौर पर इसे संतोषजनक पाया, हालांकि इसके बावजूद उन्होंने राज्य सरकार को ई-स्नान को प्रोत्साहित करने पर जोर देने को कहा है। मुख्य न्यायाधीश ने यह भी सवाल किया कि राज्य सरकार ई-स्नान को बाध्यतामूलक क्यों नहीं कर रही? सरकार इसे प्रोत्साहित करने के लिए प्रचार अभियान चलाए। 


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