पेटीएम केवाईसी के मामले में व्यवसायी से हुई थी 2.82 लाख की ठगी, पांच जालसाजों को पुलिस ने दबोचा
कुख्यात जामताड़ा गिरोह के खिलाफ कोलकाता पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल की है। गिरोह के पांच सदस्यों को कोलकाता में एक व्यापारी से पेटीएम के केवाईसी अद्यतन कराने के नाम पर करीब 2.82 लाख रुपये की ठगी के मामले में गिरफ्तार किया है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता: कुख्यात जामताड़ा गिरोह के खिलाफ कोलकाता पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल की है। गिरोह के पांच सदस्यों को कोलकाता में एक व्यापारी से पेटीएम के केवाईसी अद्यतन कराने के नाम पर करीब 2.82 लाख रुपये की ठगी के मामले में गिरफ्तार किया है। पुलिस इसे जामताड़ा गिरोह के साइबर अपराधियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई बता रही है।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि कुख्यात जामताड़ा गिरोह ने कोलकाता के जोड़ाबागान निवासी प्रवीण कुमार नामक एक व्यापारी को अपने जाल में फंसाया और पेटीएम के केवाईसी को अपडेट करने के लिए उनके मोबाइल पर एक संदेश भेजा। तभी व्यापारी के पास एक अज्ञात व्यक्ति का फोन आया। उस शख्स ने खुद को पेटीएम के कार्मचारी के रूप में पेश किया। उसने प्रवीण कुमार से कहा कि उनका पेटीएम अकाउंट ब्लॉक हो गया है। यदि केवाईसी जमा किया जाता है, तो फिर से सक्रिय हो जाएगा। लेकिन इसके लिए व्यापारी को क्विक सपोर्ट नामक एक मोबाइल ऐप डाउनलोड करना होगा।
धोखेबाज की बातों को मानते हुए,प्रवीण ने निर्देशानुसार ऐप डाउनलोड किया तो एक कोड आया उन्होंने जैसे ही कोड अपलोड किया इसके बाद उनका मोबाइल फोन का नियंत्रण धोखेबाजों के हाथों में चला गया। थोड़ी देर बाद शिकायतकर्ता ने देखा कि उनके बैंक खाते से 2,82,970 रुपये निकाल लिए गए हैं। बीते वर्ष हुई यह ठगी की शिकायत उन्होंने जोड़ाबागान थाने में दर्ज कराई। इसके बाद मामला पुलिस मुख्यालय की खुफिया टीम को सौंप दी गई। कोलकाता पुलिस की खुफिया शाखा ने झाड़खंड के जामताड़ा में छापेमारी कर तपन दास (24), बिधान दास (19), राजू दास (42), रंजीत दास (39) और बुलेट दास (23) नामक पांच अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद उन सभी को कोर्ट में पेश कर पुलिस ने 19 फरवरी रिमांड पर लिया है। जामताड़ा गिरोह द्वारा ठगी का यह पहला मामला नहीं है। इसससे पहले भी कई लोगों को ठगा जा चुका है।