Bengal Assembly Elections: हुगली जिला तृणमूल अध्यक्ष के खिलाफ पार्टी के ही विधायकों व सांसद ने खोला मोर्चा
एक सप्ताह से जिस प्रकार यहां तृणमूल विधायकों एवं सांसद ने पार्टी के जिला अध्यक्ष दिलीप यादव के खिलाफ बोलना शुरू किया है इसको लेकर तृणमूल खेमे में ऊहापोह की स्थिति बन गई है। हाईकमान ने नेताओं के गुटबाजी को दूर नहीं किया तो चुनाव में इसका खामियाजा भुगतना पड़।
कोलकता, राज्य ब्यूरो। आगामी विधानसभा चुनाव से पहले हुगली जिले में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के नेता आपसी जंग में उलझे हुए हैं। देखा जा रहा है कि पिछले कुछ दिनों से तृणमूल के विधायक एवं सांसद हुगली के अपने ही पार्टी के जिला अध्यक्ष के खिलाफ जुबानी जंग करनी शुरू कर दी है। पिछले एक सप्ताह से जिस प्रकार यहां तृणमूल विधायकों एवं सांसद ने पार्टी के जिला अध्यक्ष दिलीप यादव के खिलाफ बोलना शुरू किया है, इसको लेकर तृणमूल खेमे में ऊहापोह की स्थिति बन गई है।
मालूम हो कि पिछले सप्ताह उत्तरपाड़ा के विधायक प्रबीर घोषाल ने एक संवाददाता सम्मेलन करके नाम ना लेते हुए उत्तरपाड़ा नगरपालिका के प्रशासक एवं जिला तृणमूल कांग्रेस के अध्यक्ष दिलीप यादव के खिलाफ काफी कुछ कहा था। इसके बाद रविवार को उत्तरपाड़ा में आयोजित एक कर्मी सम्मेलन में सिंगुर अंदोलन के सक्रिय नेता एवं हरिपाल के तृणमूल विधायक बेचाराम मन्ना ने भी अपने पार्टी के जिला अध्यक्ष का नाम ना लेते हुए भरी सभा में ही उन्हें खरी खोटी सुनाई थी।
सोमवार को भी इसी प्रकार पूर्व हुगली जिला के अध्यक्ष एवं राज्य के मंत्री तपन दासगुप्ता ने भी इशारों ही इशारों में दिलीप यादव को अपना निशाना बनाया। वहीं, सोमवार को ही पत्रकारों के सवालों के जवाब में आरामबाग की तृणमूल सांसद अपुरूपा पोद्दार ने तो जिला अध्यक्ष दिलीप यादव का नाम लेते हुए उनपर अपना गुस्सा निकाला। उन्होंने आरोप लगाया कि जिला अध्यक्ष हुगली जिले में सभा रैली अपने मनमाने तरीक़े से कर रहे हैं। सभा एवं रैली की अग्रिम सूचना ना तो वहां के विधायक को देते है और न ही उस क्षेत्र के सांसद को। उन्होंने दिलीप यादव से प्रश्न पूछा है कि क्या ऐसा करने के लिए उन्हें पार्टी ने कहा है। जवाब दें?
इधर, दिलीप यादव का कहना है मैं पार्टी के आला नेताओं के निर्देश पर ही जिले में पार्टी की मजबूती के लिए काम कर रहा हूं। उल्लेखनीय है कि बीते लोकसभा चुनाव में हुगली सीट तृणमूल कांग्रेस के हाथों से चले जाने के बाद ममता बनर्जी ने मंत्री तपन दासगुप्ता को जिला अध्यक्ष पद से हटाकर दिलीप यादव को पार्टी का कमान दिया था। देखा जाए तो जिला अध्यक्ष बनने के बाद से ही दिलीप हुगली जिले के कई नेताओं के आखों में चुभने लगे थे। अब जाकर इन नेताओं का गुस्सा सार्वजनिक रूप से आने लगा है।
इधर, पार्टी हाईकमान ने यदि समय रहते जिले में अपने नेताओं के बीच गुटबाजी को दूर नहीं किया तो आगामी चुनाव में इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।