पंचायत चुनाव टालने को विपक्षी पहुंचे अदालत : पार्थ
-कहा- विपक्षी की स्थिति बगैर पढ़े परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों जैसी -भाजपा छोड़ फिर तृणमूल में व
-कहा- विपक्षी की स्थिति बगैर पढ़े परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों जैसी
-भाजपा छोड़ फिर तृणमूल में वापस लौटे सुनील राय
जागरण संवाददाता, कोलकाता : पश्चिम बंगाल में होने वाले पंचायत चुनाव से संबंधित मामला अदालत तक पहुंच चुका है। सोमवार को डिवीजनल बेंच ने मामले को सिंगल बेंच पर टाल दिया जिस पर मंगलवार को फैसला आना है। इस सब के बीच कयास यह लगाए जा रहे हैं कि संभवत: पंचायत चुनाव के दिन आगे के लिए टल सकते हैं। इसे लेकर पार्थ चटर्जी ने विपक्षी दलों पर निशाना साधा है। चूंकि मामला न्यायालय में है लिहाजा सोमवार को तृणमूल महासचिव पार्थ ने केवल इतना कहा कि विपक्षी अदालत जाएं और हम लोगों के बीच पहुंचेंगे। उन्होंने कहा कि जनता सबकुछ देख रही है। विपक्षी केवल मतदान को आगे टालने की जुगत में हैं, ध्यान देना होगा कि जो लोग ऐसा कर रहे हैं असल में वे लोग जनता के बीच जाना ही नहीं चाहते। पार्थ ने विपक्षी की तुलना ऐसे विद्यार्थियों से की जो बगैर पढ़े परीक्षा देने आते हैं, ऐसे लोग चाहते हैं कि किसी तरह से परीक्षा को आगे टाल दिया जाय।
दूसरी ओर, इसी दिन नदिया जिले से तृणमूल छोड़ भाजपा में शामिल होने वाले नेता सुनील राय एक बार फिर तृणमूल में शामिल हो गए। सुनील को पार्थ चटर्जी ने अपने आवास पर पार्टी का झंडा थमाया। इस बाबत पार्थ ने कहा कि असल में ममता बनर्जी के प्रति सुनील की आस्था कम नहीं हुई थी यही वजह है कि आज वे फिर तृणमूल में शामिल हो गए। उन्होंने कहा कि सुनील के आने से पार्टी की स्थिति जिले में और मजबूत होगी। उल्लेखनीय है कि मुकुल राय के आह्वान पर सुनील भाजपा में शामिल हुए थे। सुनील ने जिला परिषद में निर्वाचित सदस्य के रूप में काम किया था लेकिन इस बार के पंचायत चुनाव में उन्हें टिकट नहीं मिला जिससे नाराज होकर उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी। वहीं, पार्थ ने उन्हें जिले में अहम जिम्मेवारी देने का आश्वासन दिया है।