पंचायतों में बोर्ड गठन के लिए हो रही हिंसा के लिए विपक्षी पार्टियां जिम्मेवार:तृणमूल कांग्रेस
तृणमूल कांग्रेस ने आरोप लगाया कि पंचायतों में बोर्ड गठन के लिए हो रही हिंसा के लिए विपक्षी पार्टियां जिम्मेवार हैं।
कोलकाता, जागरण संवाददाता। तृणमूल कांग्रेस ने आरोप लगाया कि पंचायतों में बोर्ड गठन के लिए हो रही हिंसा के लिए विपक्षी पार्टियां जिम्मेवार हैं। पार्टी महासचिव व राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा कि माकपा, भाजपा और कांग्रेस ने हाथ मिला लिया है और तृणमूल के निर्वाचित उम्मीदवारों को भयभीत कर रहे हैं।
बता दें कि पंचायतों में बोर्ड गठन को लेकर विभिन्न जगहों से हिंसा देखने को मिल रही है। 27 अगस्त से राज्य के विभिन्न जिलों में हिंसा के कारण सात लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, बातचीत में पार्थ चटर्जी ने कहा कि लोगों ने इन राजनीतिक दलों को सामंजस्य स्थापित कर काम करने के लिए चुना है लेकिन ये लोग इससे इत्तेफाक नहीं रखते। अब उन्होंने हमसे लड़ने के लिए हिंसा का सहारा लिया है।
उन्होंने कहा कि हत्या और हिंसा की राजनीति से कोई परिणाम नहीं निकलने वाला है। वहीं, वरिष्ठ तृणमूल नेता व खाद्य मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक ने दावा किया कि भाजपा और माकपा राज्य के विभिन्न हिस्सों में हाथ मिला कर सत्तारूढ़ दल पर हमला कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि उत्तर 24 परगना जिले में विभिन्न जगहों पर वे हमें बोर्ड गठन करने से रोक रहे हैं।
बता दें कि मल्लिक के गृह जिले आमडंगा में बुधवार को बोर्ड गठन को लेकर भारी हिंसा देखने को मिली जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई जबकि 17 अन्य घायल हो गए। उधर, सोमवार से ही उत्तर दिनाजपुर, मालदा और पुरुलिया जिलों में हिंसा देखने को मिल रही है जिसमें चार लोग मारे गए हैं जबकि अन्य कई घायल हुए हैं।
इससे पहले हिंसा पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि एक राजनीतिक दल ने पालिटिक्स आफ कीलींग मॉडल को अख्तियार किया है।
तृणमूल की ग्राम पंचायत प्रधान के कामकाज पर रोक
कलकत्ता हाईकोर्ट ने नदिया जिले के तेहट्ट थानांतर्गत हांसपुरिया ग्राम पंचायत के प्रधान पद पर आसीन तृणमूल कांग्रेस की उम्मीदवार के कामकाज करने पर निषेधाज्ञा जारी की है। इस मामले पर अगली सुनवाई 6 सितंबर को होगी। न्यायाधीश सुब्रत तालुकदार की पीठ ने माकपा की विजयी महिला उम्मीदवार सुप्रिया विश्वास की ओर से दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया।
माकपा का आरोप है कि ग्राम पंचायत प्रधान का पद अपने पास रखने के लिए तृणमूल ने अनुसूचित जाति/जनजाति की महिला के लिए आरक्षित उक्त पद पर सामान्य श्रेणी की उम्मीदवार अपर्णा मंडल को बिठा दिया। बीडी्रओ व पीठासीन अधिकारी ने पंचायत नियमों का उल्लंघन कर ऐसा किया है।