पुस्तक मेले में मानव श्रृंखला बना किया सीएए-एनआरसी का विरोध
- सीएए-एनआरसी विरोधी रंग में रंगा डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया का स्टॉल - प्रदेश भ
- सीएए-एनआरसी विरोधी रंग में रंगा डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया का स्टॉल
- प्रदेश भाजपा महासचिव सायंतन बसु ने उड़ाया मजाक, कहा, जनाधार नहीं पर नाटक जारी
जागरण संवाददाता, कोलकाता : 44वें कोलकाता अंतरराष्ट्रीय पुस्तक मेले के तीसरे दिन शुक्रवार को कई सामाजिक संगठनों ने संयुक्त रूप से मानव श्रृंखला बना नागरिकता संशोधन कानून व राष्ट्रीय नागरिक पंजी का विरोध किया। इस दौरान मेला प्रांगण में मौजूद रहे युवाओं ने केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए नागरिकता संशोधन कानून को वापस लेने की मांग की। साथ ही जामिया विश्वविद्यालय हुई फायरिग व हिसा की घटना की निंदा करते हुए इसके लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया। वहीं पुस्तक मेला प्रांगण में वाममोर्चा समर्थित युवा संगठन डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया के स्टॉल को एंटी-सीएए और एंटी-एनआरसी के थीम पर सजाया गया है, जिसे देखने को भारी संख्या में लोगबाग उमड़ रहे हैं। स्टॉल के बाहर माकपा के नागरिकता संशोधन कानून व राष्ट्रीय नागरिक पंजी के विरोध में दिए गए नारे 'हम कागजात नहीं दिखाएंगे' के पोस्टर लगाए गए हैं। मौके पर मीडिया कर्मियों से मुखातिब हुए डीवाईएफआइ के एक पदाधिकारी ने कहा कि हमारा थीम कई मायनों में खास है, क्योंकि हम नागरिकता संशोधन कानून व राष्ट्रीय नागरिक पंजी के विरोध में जगह-जगह प्रदर्शन कर रहे हैं। इसी को ध्यान में रखते अबकी पुस्तक मेले में संगठन के स्टॉल को भी इसी थीम पर डिजाइन किया गया है। हम केंद्र की मोदी सरकार के जाति-धर्म की सियासत का विरोध कर रहे हैं और हमारा यह विरोध तब तक जारी रहेगा, जब तक इसे वापस नहीं ले लिया जाता। डीवाईएफआइ के इस स्टॉल के भीतरी व बाहरी हिस्से में एंटी-सीएए व एंटी एनआरसी की भावना को परिलक्षित करने को पोस्टर व चित्रों का इस्तेमाल किया गया है। हालाकि, प्रदेश भाजपा महासचिव सायंतन बसु ने नागरिकता संशोधन कानून व राष्ट्रीय नागरिक पंजी को लेकर माकपा के विरोध का मजाक उड़ाते हुए कहा कि वामपंथियों का कोई जनाधार नहीं है। इसलिए पुस्तक मेले में बैनर पोस्टर लगा नाटक कर रहे हैं।