West Bengal: बंगाल में एक और स्टिंग ऑपरेशन से तृणमूल मुश्किल में
Sting In West Bengal. इस स्टिंग कांड में भी बंगाल की सत्ता पर काबिज दल के नेता-मंत्री व विधायक शामिल हैं जो एक वीडियो फुटेज में कथित रूप से रिश्वत लेते दिख रहे हैं।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। Sting In West Bengal. बंगाल में चुनावी मौसम में एक और स्टिंग ऑपरेशन को लेकर सियासत गरम हो गई है। भाजपा इसे लेकर तृणमूल कांग्रेस पर जमकर हमला कर रही है, क्योंकि इस स्टिंग कांड में भी बंगाल की सत्ता पर काबिज दल के नेता-मंत्री व विधायक शामिल हैं, जो एक वीडियो फुटेज में कथित रूप से रिश्वत लेते दिख रहे हैं। इस वीडियो फुटेज को भाजपा ने जारी किया है। इससे पहले 2016 के विधानसभा चुनाव के दौरान ही नारद स्टिंग कांड सामने आया था, जिसकी जांच अब तक सीबीआइ कर रही है।
गौरतलब है कि अगले कुछ माह में बंगाल के शहरी निकायों में चुनाव होना है। उससे पहले इस तरह के वीडियो फुटेज के सामने आने से तृणमूल और खासकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की चिंता बढ़ गई होगी। तृणमूल, जो अब तक नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनसीआर) को लेकर भाजपा पर हमलावर थी, इस स्टिंग ने भाजपा को तृणमूल के खिलाफ फ्रंट फुट पर आने का मौका दे दिया है। एक मार्च को कोलकाता के धर्मतल्ला स्थित शहीद मीनार मैदान में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की सभा होनी है, उसमें इस मुद्दे पर शाह क्या कहते हैं, यह देखने वाली बात होगी। उस सभा में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी मौजूद रहेंगे।
भाजपा ने मीडिया को यह वीडियो फुटेज दिखाया है। भाजपा के बंगाल प्रभारी व कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि एक निजी टीवी चैनल ने स्टिंग आपरेशन किया है और इसका वीडियो एक पत्रकार ने अपने फेसबुक पेज पर अपलोड किया है। कैलाश का कहना है कि इस वीडियो में तृणमूल के एक दर्जन से अधिक मंत्री, विधायक व नेता रिश्वत लेते हुए नजर आ रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से वीडियो में रिश्वत लेते नजर आ रहे लोगों को हटाने व मामले की सीबीआइ जांच कराने की मांग की और ऐसा नहीं करने पर आंदोलन की धमकी दी है।
दूसरी तरफ इस स्टिंग आपरेशन में दिखने वाले मंत्रियों विधायकों व नेताओं का कहना है कि भाजपा ने उन्हें फंसाने के लिए फर्जी वीडियो तैयार किया है। इस मामले में स्टिंग करने वालों के खिलाफ थाने में प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई है।