हावड़ा में पार्किग विवाद पर वकीलों व निगम कर्मचारियों में झड़प, एक दर्जन से ज्यादा जख्मी
- निगम मुख्यालय में स्कूटी पार्क करने को लेकर उपजा विवाद - महिला वकील समेत आठ वकील हुए जख्मी
- निगम मुख्यालय में स्कूटी पार्क करने को लेकर उपजा विवाद
- महिला वकील समेत आठ वकील हुए जख्मी
- पत्थरबाजी में निगम के तीन से ज्यादा सुरक्षाकर्मी जख्मी
- वकीलों का आरोप, टीएमसी के गुंडों ने कोर्ट परिसर में घुसकर किया हमला
- रैफ व कांबेट फोर्स ने संभाला मोर्चा
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हमे हिंसा छोड़कर शांति का रास्ता अख्तियार करना चाहिए। ऐसा किसी का भला नहीं होगा। किसी प्रकार की कोई समस्या है, तो उसे बातचीत से सुलझाने की कोशिश पर हमें जोर देना चाहिए।
--- अरुप राय, सहकारिता मंत्री, पश्चिम बंगाल --------------------------
सुबह 10.30 बजे स्कूटी पार्क करने को लेकर वकीलों और निगम कर्मचारियों के बीच विवाद शुरू हुआ। बाद में स्थिति पत्थरबाजी तक पहुंच गई। दोनों ओर से एक-दूसरे पर हमले किए गए। इसके कारण देर तक एमजी रोड पर यातायात बाधित रहा। मामले में दोनों ओर से शिकायतें दर्ज कराई गई हैं। फिलहाल किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
- जीएसआर अनंतनाग, डीसी, साउथ, हावड़ा नगर पुलिस
--------------------- हम पर हमला हुआ है। हमला करने वाले निगम में अस्थाई कर्मचारी शामिल हैं, जो निगम में अड्डा मारते हैं। मुझे भी चोट लगी है। वकीलों पर हमले की घटना की निंदा करते हैं। इस घटना के खिलाफ बुधवार को पूरे बंगाल में कोर्ट में कामकाज बाधित रखा गया। हमलोग भी निगम मुख्यालय के समक्ष विरोध पर बैठे हैं।
--समीर बसु राय चौधरी, अध्यक्ष, बार एसोसिएशन (क्रिमनल), हावड़ा सदर --------------------------
घटना की शिकायत कलकत्ता हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से की गई है। उन्होंने मामले को देखने का आश्वासन दिया है। --- विक्रम झा, वकील, हावड़ा कोर्ट -------------------------- जागरण संवाददाता, हावड़ा : स्कूटी पार्क करने की मामूली सी बात को लेकर हावड़ा नगर निगम के कर्मचारियों (सुरक्षाकर्मी) और हावड़ा कोर्ट के वकीलों के बीच मंगलवार को जमकर झड़प की घटना घटी। दोनों पक्षों के बीच हुए संघर्ष व पत्थरबाजी के कारण निगम मुख्यालय और हावड़ा कोर्ट का संलग्न इलाका घंटों रणक्षेत्र बना रहा। हिंसा की इस स्थिति को काबू करने की कोशिश में जुटी पुलिस के पसीने छूट गए। मौके पर पहले पुलिस पहुंची, फिर रैपिड एक्शन फोर्स (रैफ) और बाद में कांबेट फोर्स को उतारा गया। बेकाबू होती हिंसा को देखते हुए पुलिस बलों को लाठी का इस्तेमाल करना पड़ा, आंसू गैस के गोलो छोड़ने पड़े। इधर हिंसा की सूचना पाकर मौके पर सहकारिता मंत्री अरुप राय पहुंचे। उन्होंने दोनों पक्षों को समझाकर शांत कराने की कोशिश की। हालांकि उत्पाती भीड़ ने मंत्री की एक ना सुनी। अरुप राय गो बैक के नारे लगाए गए। घटना में दोनों पक्षों के एक दर्जन से ज्यादा लोगों के जख्मी होने की सूचना है। गंभीर रूप से जख्मी छह लोगों को हावड़ा जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है, इनमें एक की हालत गंभीर बताई गई है। वहीं खबर संग्रह करने करने गए एक मीडियाकर्मी को भी भीड़ की नाराजगी का सामना करना पड़ा है। चोट लगने के कारण एक मीडियाकर्मी जख्मी हो गया।
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स्कूटी पार्क करने को लेकर उपजा विवाद
निगम मुख्यालय के परिसर में बाहरी वाहनों के पार्किग करने पर पूर्णतया निषेध है। आरोप है कि बावजूद इसके मंगलवार की सुबह लगभग 10.30 बजे हावड़ा कोर्ट के एक वकील सूजन, निगम मुख्यालय में अपनी स्कूटी पार्क करने गए। इस पर निगम के कर्मचारियों ने उन्हें रोका। आरोप है कि इसे लेकर दोनों पक्षों के बीच पहले बहस हुई फिर मारपीट हुई, जिसमें कथित तौर पर सूजन जख्मी हो गए। इससे गुस्साए वकीलों का एक दल, जिसमें 20-22 लोग थे, हावड़ा कोर्ट से वापस निगम परिसर पहुंचा और निगम कर्मचारियों से कथित तौर पर मारपीट पर उतारू हो गया। आरोप है कि इससे निगम के तीन कर्मचारियों के सिर फट गए और अन्य कई जख्मी हुए। हालांकि वकीलों ने इसका खंडन किया है। इसके बाद निगम कर्मचारियों का एक दल लाठी और डंडा लेकर हावड़ा कोर्ट परिसर में पहुंचा और कथित तौर पर वहां मौजूद वकीलों पर ताबड़तोड़ हमला करने लगा। घटना में जख्मी हुए हावड़ा कोर्ट के वकील विक्रम ओझा ने बताया कि बार एसोसिएशन (क्रिमनल), हावड़ा सदर के अध्यक्ष समीर बसु राय चौधरी, एक महिला वकील समेत सात से आठ वकील हमले में जख्मी हुए हैं। उनका आरोप है कि निगम के कर्मचारियों ने कोर्ट परिसर में जमकर उत्पात मचाया। जज के कमरे में भी तोड़फोड़ करने का आरोप उन्होंने लगाया। इधर निगम कर्मचारियों का कहना है कि वकीलों ने पहले पत्थरबाजी शुरू की। हालांकि वकीलों ने इसका खंडन किया है। उनका कहना है कि पत्थर पहले निगम के कर्मचारियों ने फेंकने शुरू किए।
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निगम मुख्यालय के समक्ष विरोध पर बैठे वकील
इस विवाद के बीच लगभग एक हजार से ज्यादा वकीलों की भीड़ उमड़ पड़ी और निगम मुख्यालय के मुख्य गेट के बाहर बैठ गई। वे लोग आरोपित कर्मचारियों को उन्हें सौंपने की मांग करने लगे। इस दौरान निगम के कर्मचारी निगम मुख्यालय में देर तक बंदी बने रहे। पुलिस के बार-बार की कोशिश के बावजूद वकील विरोध पर बैठे रहे। खबर लिखे जाने तक वकीलों का विरोध जारी रहा।
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प्रदर्शनकारी भीड़ पर एंबुलेंस को रोकने का आरोप
लगभग एक हजार की संख्या में वकीलों की भीड़ निगम मुख्यालय के मुख्य गेट के सामने इकट्ठा होकर विरोध कर रहे थे। वे लोग निगम के सुरक्षाकर्मियों को उन्हें सौंपने की मांग कर रहे थे। इस दौरान मरीज लेकर आ रहे एक एंबुलेंस को प्रदर्शनकारी वकीलों ने रोक दिया। आरोप है कि लगभग आधे घंटे तक एंबुलेंस को निगम मुख्यालय के पास ठहरना पड़ा। बाद में पुलिस की मध्यस्थता से एंबुलेंस को हावड़ा जिला अस्पताल में पहुंचाया गया। अस्पताल ले जाने के क्रम में भी वकीलों ने एंबुलेंस को रोकने और एंबुलेंस पर हमले करने की कोशिश की गई।