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NRC West Bengal: ममता ने कहा- कपड़ों से न करें प्रदर्शनकारियों की पहचान, मैं देश को बंटने नहीं दूंगी

ममता ने कहा-पोशाक देखकर क्या आंदोलनकारियों को पहचाना जा सकता? टोपी पहनने का मतलब यह नहीं कि आप मुस्लिम हैं।देश जल रहा है वे कपड़ों की बात कर रहे हैं।

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 18 Dec 2019 08:57 AM (IST)Updated: Wed, 18 Dec 2019 08:57 AM (IST)
NRC West Bengal: ममता ने कहा- कपड़ों से न करें प्रदर्शनकारियों की पहचान, मैं देश को बंटने नहीं दूंगी
NRC West Bengal: ममता ने कहा- कपड़ों से न करें प्रदर्शनकारियों की पहचान, मैं देश को बंटने नहीं दूंगी

कोलकाता, जागरण संवाददाता। Citizenship Amendment Act:  राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) और नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) की सड़क पर उतरकर खिलाफत कर रहीं मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने पीएम नरेंद्र मोदी के उस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया जताई, जिसमें उन्होंने कहा था कि आग लगाने वालों की उनके कपड़ों से पहचान की जा सकती है।

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ममता ने पीएम मोदी का नाम लिए बिना कहा-'पोशाक देखकर क्या आंदोलनकारियों को पहचाना जा सकता है? टोपी पहनने का मतलब यह नहीं कि आप मुस्लिम हैं। पूरा देश जल रहा है और वे कपड़ों की बात कर रहे हैं। क्या आप मेरे कपड़े को देखकर बता सकते हैं कि मैं कौन हूं? लोग अपने मन मुताबिक भोजन करते हैं और पोशाक पहनते हैं।'

ममता ने आगाह करते हुए कहा-'आग लगाएंगे तो राम-रहीम सभी जलेंगे। देश-बंगाल सब जगह विभाजन की राजनीति की जा रही है। मैं देश को बंटने नहीं दूंगी।'

ममता सोमवार के बाद मंगलवार को भी सड़क पर उतरीं। एनआरसी व सीएए के प्रतिवाद में उनके नेतृत्व में इस दिन जादवपुर के 8बी बस स्टैंड से जुलूस निकला, जो ढाकुरिया, गरियाहाट, रासबिहारी मोड़ होते हुए जदुबाबू बाजार पहुंचकर संपन्न हुआ। जुलूस में बड़ी तादाद में जादवपुर विश्वविद्यालय के छात्र शामिल हुए। बुधवार को ममता के नेतृत्व में हावड़ा मैदान से कोलकाता के डोरिना क्रासिंग तक विरोध जुलूस निकाला जाएगा। जिलों में भी विरोध-प्रदर्शन जारी रहेगा। आगे का कार्यक्रम गुरुवार को निर्धारित किया जाएगा। ममता ने दिल्ली के जामिया मिलिया विश्वविद्यालय के छात्रों पर की गई पुलिस कार्रवाई की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि यह अप्रत्याशित घटना है। छात्रों को बाथरूम में जाकर पीटा गया। यह उन्हें बंधक बनाने जैसा है। भाजपा देश में हिंसा भड़काने की कोशिश कर रही है। इसकी आड़ में वह केंद्रीय बलों को राज्यों में भेजने की जुगत में है।

राज्यों को कानून मानने के लिए बाध्य नहीं कर सकता केंद्र

ममता ने कहा-'संसद में भाजपा की संख्या ज्यादा है, सिर्फ इसलिए वह राज्यों को यह कानून लागू करने के लिए बाध्य नहीं कर सकता। नागरिकता संशोधन विधेयक संसद में जल्दबाजी में पारित किया गया। भाजपा ने विपक्षी दलों को इस पर चर्चा करने और सोचने तक का वक्त नहीं दिया।'

छिटपुट घटनाओं को लेकर केंद्र ने रोक दी ट्रेन सेवाएं

ममता ने आगे कहा-'केंद्र ने बंगाल में सिर्फ एक या दो छोटी घटनाओं को लेकर ट्रेन सेवाएं रोक दी। रेलवे संपत्ति की रक्षा करना रेलवे सुरक्षा बल का काम है, लेकिन हमने उनकी मदद की। हमने 600 लोगों को तोड़फोड़ के आरोप में गिरफ्तार किया है। मैं केंद्र सरकार और रेलवे से अनुरोध करती हूं कि ट्रेन सेवाएं बहाल करें।'

एनआरसी के आतंक से खुदकशी की घटनाओं के लिए जिम्मेदार कौन?

मुख्यमंत्री ने कहा-'बंगाल में एनआरसी के आतंक से 30 लोगों ने खुदकशी कर ली। असम में एनआरसी की सूची से करीब 13 लाख लोगों को बाहर रखा गया है, जिसके कारण 100 लोगों ने खुदकशी कर ली। इन सब मौतों की जिम्मेदारी कौन लेगा? 10 हजार लोगों को नागरिकता देने के लिए 1 लाख 90 हजार लोगों के नाम हटा देना कहां तक उचित है? 


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