कोलकाता की सड़कों पर चलेगा 'सबलाओं' का हुक्म, महिला सशक्तीकरण की मिसाल
देश के सबसे पुराने पुलिस फोर्स 'कोलकाता पुलिस' के इतिहास में नया अध्याय जुड़ने जा रहा है।
कोलकाता, ओम प्रकाश सिंह। समुद्र की ऊंची लहरों में गोता खाते जहाजों को चलाना हो या आसमान का सीना चीरते विमान को, महिलाओं ने उन तमाम क्षेत्रों में अपनी कामयाबी का परचम लहराया है जिनपर अमूमन पुरुषों का वर्चस्व माना जाता रहा है। इसकी एक और बानगी अब कोलकाता की सड़कों पर भी देखने को मिलेगी।
देश के सबसे पुराने पुलिस फोर्स 'कोलकाता पुलिस' के इतिहास में नया अध्याय जुड़ने जा रहा है। आज तक महानगर की बेलगाम सड़कों पर ट्रैफिक नियंत्रण का जिम्मा संभालते पुरुष पुलिस कर्मियों के साथ अब महिलाएं भी कदम ताल करेंगी। कोलकाता पुलिस ट्रेनिंग स्कूल में 60 महिला पुलिस कर्मियों ने यातायात नियंत्रण का प्रशिक्षण पूरा किया है।
कोलकाता पुलिस आयुक्त राजीव कुमार ने स्वयं मौके पर पहुंचकर उन्हें सर्टिफिकेट प्रदान किया है और यातायात व्यवस्था संभालने के लिए उत्साहवर्द्धन किया है। बताया गया है प्राथमिक तौर पर इन्हें महानगर के मुख्य चौराहों पर पहले से मौजूद ट्रैफिक सर्जेट के साथ तैनात किया जाएगा ताकि वे पूरी प्रक्रिया को बेहतर तरीके से समझ सकें। महिला सशक्तीकरण की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ते हुए कोलकाता पुलिस ने इसे आगे बढ़ाया है। बताया गया है कि इन महिला पुलिस कर्मियों के बाद और अधिक महिलाओं को प्रशिक्षण देकर ट्रैफिक संभालने के काम में लगाया जाएगा। इस बारे में ट्रैफिक विभाग के उपायुक्त सुमित कुमार ने बताया कि महिला सशक्तीकरण के लिए यह कदम उठाया गया है।
उन्होंने बताया कि कई बार ऐसी परिस्थिति आती है कि यातायात कानूनों का उलंघन करने वाली महिलाओं को संभालने के लिए स्थानीय थाने से महिला पुलिस कर्मियों को बुलाना पड़ता है और तबतक काफी देर हो जीती है। महिला ट्रैफिक सर्जेट की नियुक्ति के बाद इस समस्या से तो निजात मिलेगी ही, यातायात व्यवस्था को संभालने में भी खासा मदद मिलेगी। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि इन पुलिस कर्मियों को कोलकाता ट्रैफिक पुलिस की ओर से स्कूटी भी प्रदान किया जाएगा जिसके जरिए वे अपने काम को अंजाम देंगी।