अब बंगाल में NVF में जीवित व्यक्ति को मृत बताकर अज्ञात लोगों को भर्ती करने का आरोप
भाजपा विधायक अंबिका राय द्वारा दायर जनहित याचिका में एक दशक से अधिक समय से एनवीएफ में अवैध भर्ती के कई मामलों का आरोप लगाया गया है। याचिका में कहा गया है कि भर्ती के लिए इस्तेमाल किए गए मृत्यु प्रमाणपत्र वोटर कार्ड आधार कार्ड सब जाली हैं।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। बंगाल में शिक्षक नियुक्ति के बाद अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक बल (पश्चिम बंगाल नेशनल वालंटियर फोर्स-एनवीएफ) की नियुक्ति में भी भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। इसमें कहा गया है कि जीवित व्यक्ति को मृत में बताकर उसके परिवार के सदस्यों के बदले अज्ञात लोगों को राष्ट्रीय स्वयंसेवक बल में भर्ती किया गया है। घोटाले की सीबीआइ जांच की मांग को लेकर कलकत्ता उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की गई है। इस मामले में हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से रिपोर्ट तलब की है। मामले की अगली सुनवाई 17 अप्रैल को होगी।
सीबीआइ जांच की मांग को लेकर हाई कोर्ट में जनहित याचिका
भाजपा विधायक अंबिका राय द्वारा दायर जनहित याचिका में एक दशक से अधिक समय से एनवीएफ में अवैध भर्ती के कई मामलों का आरोप लगाया गया है। याचिका में कहा गया है कि भर्ती के लिए इस्तेमाल किए गए मृत्यु प्रमाणपत्र, वोटर कार्ड, आधार कार्ड सब जाली हैं। इस तरह की घटना राज्य में पहली बार झाड़ग्राम जिले के शिरसी में सामने आई थी। 2018 में शिरसी के निवासी एनवीएफ के पूर्व कर्मचारी धृतिभानु पाल ने जिला प्रशासन को शिकायत की थी कि उन्हें मृत के रूप में प्रस्तुत कर एक महिला ने खुद को उनकी बेटी के रूप में पेश कर डाई इन हार्नेस में नौकरी प्राप्त की है। यहां तक कि उनका फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र भी निकाला गया था।
2020 में भी सामने आए थे मामले
इस संदर्भ में दायर जनहित याचिका के वकील तरुणज्योति तिवारी ने कहा कि 2020 में पश्चिम मेदिनीपुर के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक ने कल्याणी के एनवीएफ निदेशालय के उप राज्य कमांडेंट और जांच अधिकारी को एक पत्र में कहा था कि उस महिला के किसी भी दस्तावेज की प्रामाणिकता जिसने खुद को धृतिभानु की बेटी के रूप में पेश किया था, जिला खुफिया ब्यूरो (डीआइबी) के संबंधित इंस्पेक्टर द्वारा ठीक से जांच नहीं की गई। एसपी ने उस इंस्पेक्टर के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा भी की थी।
मामले को देखा जाना चाहिए : एनवीएफ के राज्य कमांडेंट
तरुणज्योति ने यह भी कहा कि ऐसे मामले भी देखे गए हैं जहां फर्जी परीक्षार्थी की शैक्षणिक योग्यता या संबंधित नगर पालिका द्वारा दिया गया चरित्र प्रमाणपत्र भी फर्जी है। इस संदर्भ में तरुणज्योति तिवारी ने कहा कि अदालत में पेश मामले में दस्तावेजी साक्ष्य के साथ ऐसी कई घटनाओं का जिक्र किया गया है। इस संदर्भ में एनवीएफ के राज्य कमांडेंट कुणाल अग्रवाल ने कहा कि मैं हाल में इस पद से जुड़ा हूं। मामले को देखा जाना चाहिए।