Vaccine Campaign: कोरोना महामारी के बीच खून की भारी किल्लत दूर करने को अब ब्लड दो वैक्सीन लो अभियान
कोरोना महामारी के चलते रक्त दान शिविऱों का आयोजन लगभग बंद था जिसकी वजह से निजी से लेकर सरकारी अस्पतालों व ब्लड बैंकों में खून की भारी किल्लत होने लगी थी। परंतु खून की इस किल्लत को दूर करने के लिए अब नया अभियान शुरू किया गया है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाताः कोरोना महामारी के चलते रक्त दान शिविऱों का आयोजन लगभग बंद था जिसकी वजह से निजी से लेकर सरकारी अस्पतालों व ब्लड बैंकों में खून की भारी किल्लत होने लगी थी। परंतु, खून की इस किल्लत को दूर करने के लिए अब नया अभियान शुरू किया गया है। निजी अस्पतालों और रक्तदान शिविर लगाने वाली संस्थाओं ने खून दान करो और बदले में कोरोना वैक्सीनेशन लो अभियान शुरू किया है। महानगर के एएमआरआइ अस्पताल के ग्रुप सीईओ रूपक बरुआ ने कहा कि कोरोना महामारी शुरू होने के बाद पिछले साल से ही निजी अस्पतालों में अक्सर ही खून की कमी हो जा रही है।
सभी ब्लड बैंक पूरी तरह से खाली हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि महामारी की वजह से रक्तदान शिवर नहीं लगाए जा सके इसीलिए अस्पतालों में ब्लड की कमी है। उन्होंने ने कहा कि कोरोना वैक्सीन की एक भी खुराक लेने के 14 दिन तक रक्त दान नहीं किया जा सकता है। ब्लड डोनेशन न करने की ये भी एक बड़ी वजह है।
किल्लत के बीच खून दाताओं को प्रोत्साहित करने के लिए ‘खून दो और वैक्सीनेशन स्लॉट पाओ’ की खास पहल की गई है। इस पहल को जमीन पर उतारने के लिए टेक्नो इंडिया दामा अस्पताल ने एक एनजीओ के साथ करार किया है। यह एनजीओ लोगों को टाटा मेडिकल सेंटर में कैंसर रोगियों के लिए रक्तदान करने के लिए प्रोत्साहित करता है। बदले में डोनर्स को वैक्सीन स्लॉट का आश्वासन दिया जाता है।
महामारी के बीच लोग वैक्सीन स्लॉट देख रहे हैं, वहीं अस्पतालों को ब्लड की सख्त जरूरत है। इसीलिए इस पहल की शुरुआत की गई है। एक संस्था के मुताबिक जो लोग ब्लड डोनेशन के लिए अस्पताल नहीं जाना चाहते हैं, उनके लिए दो बसें शहर के अलग-अलग हिस्सों में घूम रही हैं। लोग वहां भी ब्लड डोनेट कर सकते हैं। इस अभियान के तहत जो लोग भी ब्लड डोनेट करते हैं उनको तीन के भीतर वैक्सीन लगाने के लिए स्लॉट दिया जाता है। रक्त दान करने वाले लोग उसी दिन टीका नहीं लगवा सकते इसीलिए तीन दिन के भीतर उन्हें वैक्सीन लगाई जाएगी। मेडिकल बैंक के सचिव डी आशीष का कहना है कि पूर्व मेदिनीपुर और दक्षिण 24 परगना जिलों के तटीय जिलों में ब्लड की काफी कमी है। कम रक्तदान शिविर लगने से दिक्कत है ऐसे पहले परेशानी दूर होगी।