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शिकंजा: अब सीआइडी करेगी सुवेंदु के पूर्व बॉडीगार्ड की आत्महत्या मामले की जांच, तीन साल पहले हुई थी मौत

भाजपा विधायक सुवेंदु अधिकारी के पूर्व बॉडीगार्ड (अंगरक्षक) सुब्रत चक्रवर्ती की मौत की जांच अब सीआइडी ने अपने हाथों में ले ली है। बॉडीगार्ड की पत्नी ने हाल में दर्ज कराई है शिकायत। 2018 में पूर्व बॉडीगार्ड ने घर पर खुद को गोली मार कर ली थी आत्महत्या।

By Priti JhaEdited By: Published: Mon, 12 Jul 2021 11:40 AM (IST)Updated: Mon, 12 Jul 2021 09:06 PM (IST)
सीआइडी करेगी सुवेंदु के पूर्व बॉडीगार्ड की आत्महत्या मामले की जांच।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और भाजपा विधायक सुवेंदु अधिकारी के एक अंगरक्षक सुब्रत चक्रवर्ती की तीन साल पहले हुई मौत की जांच अब सीआइडी ने सोमवार को अपने हाथों में ले ली। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। राज्य के आपराधिक जांच विभाग (सीआइडी) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हम सुवेंदु अधिकारी की सुरक्षा में रहे सुब्रत चक्रवर्ती की मौत के मामले में उनकी पत्नी की शिकायत के आधार पर जांच करेंगे।

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इधर, जांच का जिम्मा संभालने के बाद सोमवार को सीआइडी अधिकारियों ने पूर्व मेदिनीपुर के महिषादल में जाकर अंगरक्षक के परिवार के सदस्यों के साथ चर्चा की। सूत्रों का कहना है कि इस मामले में आगामी दिनों सीआइडी सुवेंदु से भी पूछताछ कर सकती है। गौरतलब है कि अंगरक्षक की पत्नी सुपर्णा चक्रवर्ती ने हाल ही में कांथी थाने में एक शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें उन्होंने पति की मृत्यु मामले की फिर से जांच की मांग की है। उन्होंने पति की मौत के लिए सुवेंदु को जिम्मेदार ठहराया है।

सुवेंदु के अंगरक्षक रहे सुब्रत ने 13 अक्टूबर 2018 को पूर्व मेदिनीपुर के कांथी में एक पुलिस बैरक में कथित रूप से गोली मारकर खुदकुशी कर ली थी।खुद को गोली मारने के अगले दिन कोलकाता के एक निजी अस्पताल में उनकी मौत हो गई थी।सुवेंदु उस समय राज्य के परिवहन मंत्री थे। राज्य सशस्त्र पुलिस के जवान चक्रवर्ती उस समय से सुवेंदु के सुरक्षा घेरे में शामिल थे जब वह तृणमूल कांग्रेस के सांसद थे।सुवेंदु जब 2015 में प्रदेश सरकार में मंत्री बने थे तब भी चक्रवर्ती उनके सुरक्षा दस्ते में शामिल रहे।

सुवेंदु ने जांच को राजनीति से प्रेरित बताया

इधर, अंगरक्षक की खुदकुशी मामले की नए सिरे से जांच को सुवेंदु अधिकारी ने राजनीति से प्रेरित बताया है। उन्होंने कहा कि मामले का निपटारा होने के दो साल बाद नए सिरे से जांच कर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उन्हें डराने की कोशिश ना करें। वो मुझे जेल जाने के लिए कहेंगी तो उनकी वरिष्ठता का सम्मान करते हुए जेल जाने के लिए भी तैयार हूं। उल्लेखनीय है कि बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले सुवेंदु अधिकारी तृणमूल कांग्रेस छोड़ भाजपा में आ गए थे। वहीं, नंदीग्राम सीट पर करीबी मुकाबले में सुवेंदु ने ममता को 1956 वोटों से हराया था। इसके बाद से सुवेंदु ममता सरकार के निशाने पर हैं।


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