मोबाइल फोन पर प्रिस्क्रिप्शन दिखाकर अब नहीं खरीद पाएंगे दवा
महानगर समेत सूबे के सभी जिलों में दैनिक तौर पर इस्तेमाल होने वाली दवाइयों के लिए चिकित्सक का प्रिस्क्रिप्शन मोबाइल फोन पर दिखाकर लोग दवाइया खरीदते आ रहे हैं लेकिन अब ऐसा नहीं होने वाला है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : महानगर समेत सूबे के सभी जिलों में दैनिक तौर पर इस्तेमाल होने वाली दवाइयों के लिए चिकित्सक का प्रिस्क्रिप्शन मोबाइल फोन पर दिखाकर लोग दवाइया खरीदते आ रहे हैं लेकिन अब ऐसा नहीं होने वाला है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग की ओर से निर्देश जारी किया गया है। इसके बाद ड्रग कंट्रोल विभाग ने सख्ती बरती है।
ड्रग कंट्रोल विभाग के निदेशक स्वपन मंडल ने बताया कि मोबाइल पर प्रिस्क्रिप्शन की फोटो देखकर दवा बेचना आपराधिक कार्य है। इससे न केवल लोगों की जान को खतरा है बल्कि चिकित्सकों को भी नुकसान उठाना पड़ता है। दुर्गापूजा के बीच शुक्रवार को कोलकाता से सटे बेलघरिया में यह अभियान चलाया गया था। इसके बाद दक्षिण 24 परगना, हावड़ा, हुगली और कोलकाता में औचक अभियान चलाया जा रहा है ताकि ऐसा करने वाले दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके। कार्रवाई के बाद दवा विक्रेता भी सतर्क हो गए हैं।
एक दवा विक्रेता ने कहा कि नियमानुसार डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के बिना दवा बेचना गैरकानूनी है इसलिए वे सतर्कता बरतते आ रहे हैं लेकिन अब तो ड्रग कंट्रोल विभाग की ओर से स्पष्ट कर दिया गया है कि इसके खिलाफ ठोस कानूनी कार्रवाई की जाएगी इसलिए मोबाइल में फोटो खींचकर या किसी भी पेपर पर दवा का नाम लिखकर ले आने वालों को दवा की बिक्री नहीं की जा रही है।
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दवा की तस्करी पर लगेगी रोक
ड्रग कंट्रोल विभाग के निदेशक का कहना है कि कई ऐसी दवाइया हैं, जिनका प्रतिबंधित मादक के रूप में इस्तेमाल किया जाता है, जैसे फैंसीडिल। बिना प्रिस्क्रिप्शन के इसे अवैध रूप से बेचा जाता है इसलिए यह नियम बनाया गया है कि प्रिस्क्रिप्शन देखकर ही उन दवाइयों को बेचा जाए। उसमें जितनी संख्या लिखी गई है, जितने दिनों का खुराक दिया गया है उतना ही दिया जाए। उन्होंने यह भी कहा किमोबाइल पर फोटो दिखाकर अगर दवाइयों की बिक्री होती रहेगी तो इसका गैरकानूनी इस्तेमाल होता रहेगा क्योंकि कोई भी व्यक्ति एक प्रिस्क्रिप्शन का मोबाइल के जरिए न केवल राज्य में बल्कि देश के किसी भी हिस्से में इस्तेमाल कर सकता है। ऐसे में जिन दवाइयों का मादक पदार्थ की तरह इस्तेमाल किया जाता है, उन दवाइयों की बड़ी संख्या में आपूर्ति मेडिकल स्टोर से खरीदकर ही की जाने लगेगी।
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दवाओं की ऑनलाइन बिक्री के लिए अलग प्रावधान
एप आधारित ऑनलाइन दवा कंपनिया हैं जो प्रिस्क्रिप्शन की फोटो खींचकर अपलोड करने के बाद दवा भेज देती है। ंड्रग कंट्रोल विभाग के निदेशक ने बताया कि इसके लिए एक प्रावधान है। एक प्रिस्क्रिप्शन पर केवल एक जगह ही दवाइयां भेजी जाती हैं। अगर वही प्रिस्क्रिप्शन किसी दूसरी जगह से आता है तो इन कंपनियों को स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि इसके बारे में पुलिस को जानकारी दें।
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कुछ लोगों को हो सकती है दिक्कत
कई ऐसे लोग हैं जिनका प्रिस्क्रिप्शन खो चुका है लेकिन वह मोबाइल पर खींची तस्वीर के जरिए दवा खरीदते आ रहे हैं। उन लोगों को लिए यह परेशानी का सबब बन सकता है।