खुले में शौच-मुक्त घोषित हुआ ग्रामीण बंगाल
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बंगाल के ग्रामीण इलाकों को खुले में शौच-मुक्त घोषित होने की जानकारी देते हुए कहा कि उनकी सरकार अब ठोस कचरा प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करेगी।
जागरण संवाददाता, कोलकाता : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बंगाल के ग्रामीण इलाकों को खुले में शौच-मुक्त घोषित होने की जानकारी देते हुए कहा कि उनकी सरकार अब ठोस कचरा प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करेगी। ग्रामीण बंगाल के करीब 1.35 करोड़ घर 'मिशन निर्मल बाग्ला' के दायरे में आते हैं, जिसका लक्ष्य सभी गावों को दो अक्टूबर तक खुले में शौच-मुक्त घोषित करना है। बनर्जी ने शुक्रवार रात ट्वीट किया- 'आप सभी को मुझे यह बताते हुए बेहद खुशी हो रही है कि ग्रामीण बंगाल अब खुले में शौच-मुक्त हो गया है। भारत सरकार ने हमारी इस उपलब्धि की पुष्टि की है। स्वच्छ एवं हरित वातावरण तथा सुरक्षित जीवन की दिशा में यह हमारा अभियान था।' उन्होंने आगे कहा-'अब हमारा फोकस ठोस कचरा प्रबंधन पर होगा।' गौरतलब है कि केंद्र में भाजपा की सरकार बनने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर में स्वच्छ भारत अभियान की घोषणा की थी। मोदी की घोर विरोधी ममता बनर्जी ने उक्त अभियान से जुड़ने के बजाय मिशन निर्मल बांग्ला की घोषणा कर दी, जो स्वच्छ भारत की ही तरह था। इसे लेकर भाजपा ने ममता की कड़ी आलोचना की थी और केंद्र की परियोजना को चोरी करने तक का आरोप लगाया था। अब उसी निर्मल बांग्ला को केंद्र ने देश में सर्वश्रेष्ठ अभियान का तमगा दिया है। यह पहली बार नहीं है जब बंगाल को इस तरह का कोई सम्मान मिला है। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मुख्यमंत्री की परियोजना कन्याश्री, सबूज साथी और उत्कर्ष बंगाल को सम्मानित किया जा चुका है।
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