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मालदा के रहने वाले जाली नोटों के तस्कर के खिलाफ एनआइए ने बेंगलुरु में दायर किया पूरक आरोप पत्र

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने जाली भारतीय मुद्रा (एफआइसीएन) की तस्करी में शामिल होने के आरोप में बंगाल के मालदा जिले के रहने वाले एक कुख्यात तस्कर के विरुद्ध मंगलवार को बेंगलुरु की एक विशेष अदालत में पूरक आरोप पत्र दायर किया।

By Vijay KumarEdited By: Published: Tue, 21 Sep 2021 09:27 PM (IST)Updated: Tue, 21 Sep 2021 09:27 PM (IST)
मालदा से शेख जहीरुद्दीन को एनआइए ने किया था गिरफ्तार

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने जाली भारतीय मुद्रा (एफआइसीएन) की तस्करी में शामिल होने के आरोप में बंगाल के मालदा जिले के रहने वाले एक कुख्यात तस्कर के विरुद्ध मंगलवार को बेंगलुरु की एक विशेष अदालत में पूरक आरोप पत्र दायर किया।एक अधिकारी ने बताया कि एनआइए ने इस साल जून में मालदा से शेख जहीरुद्दीन को गिरफ्तार किया था और पूरक आरोप पत्र में उसके विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धाराएं लगाई गई हैं।

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एनआइए के अधिकारी ने कहा कि 4,34,000 रुपये मूल्य के एफआइसीएन के साथ तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया था जिसके बाद बेंगलुरु में मामला दर्ज किया गया।एजेंसी ने सितंबर 2018 में मामला दर्ज किया था और सात लोगों को इसमें आरोपित बनाया गया था। एनआइए ने कहा कि जहीरुद्दीन ने अपने साथियों के साथ मिलकर भारत में विभिन्न स्थानों पर नकली नोट पहुंचाने और लेनदेन की साजिश रची। वहीं, इस मामले में उसके साथियों की गिरफ्तारी और एनआइए द्वारा जांच अपने हाथ में लेने के बाद जहीरुद्दीन फरार हो गया था।

काफी दिनों तक वह एनआइए को चकमा देता रहा। आखिरकार इस साल जून में एनआइए की टीम ने खुफिया सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए मालदा जिले से जहीरुद्दीन को उसके घर से ही गिरफ्तार किया था। बताते चलें कि बांग्लादेश की सीमा से सटा बंगाल का मालदा जिला एक समय जाली नोटों की तस्करी के लिए पूरे देश में कुख्यात रहा है। बांग्लादेश के रास्ते मालदा में जाली नोटों की खेप पहुंचती थी और यहां से इसे पूरे देश में भेजा जाता था। हालांकि सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने निरंतर प्रयासों से भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा पर निगरानी बढ़ाने और कड़ी कार्रवाई के फलस्वरूप जाली नोटों के कारोबार पर पूरी तरह शिकंजा कस दिया। इसके साथ ही 2016 में नोटबंदी का भी इसपर काफी असर पड़ा।


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