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जापान जानता है सुभाष चंद्र बोस के 'गायब' होने का सच! नेताजी के परपोते चंद्र कुमार बोस ने किया दावा

बोस ने जापान के टोक्यो शहर में स्थित रेनको-जी मंदिर में मौजूद अवशेषों का नेताजी के परिवार के सदस्यों से डीएनए मिलान कराने के लिए भी मोदी सरकार से कदम उठाने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा-इससे पता चल जाएगा कि वे अवशेष वाकई नेताजी के हैं या नहीं।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Wed, 23 Dec 2020 04:11 PM (IST)Updated: Wed, 23 Dec 2020 08:10 PM (IST)
चंद्र कुमार बोस ने कहा कि हम डीएनए टेस्ट कराने के लिए तैयार हैं।

विशाल श्रेष्ठ, कोलकाता। आजादी के महानायक नेताजी सुभाष चंद्र बोस के 'गायब' होने का सच जापान जानता है। नेताजी के परपोते चंद्र कुमार बोस ने यह दावा किया है। उन्होंने कहा कि जापान सरकार के पास नेताजी के गायब होने से संबंधित तीन बेहद महत्वपूर्ण फाइल हैं, जिन्हें उसने अब तक भारत सरकार को नहीं सौंपा है। उन फाइल के खुलने पर नेताजी के गायब होने का सच सबके सामने आ जाएगा। 

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बोस ने बताया कि 14 अक्टूबर, 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेताजी के परिवार के सदस्यों को अपने निवास स्थल में आमंत्रित किया था। वहां तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भी मौजूद थीं। सुषमा स्वराज ने सूचित किया था कि उन्होंने रूस, जापान, इंग्लैंड समेत विभिन्न देशों को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि उनके पास नेताजी से संबंधित जो भी फाइल हैं, उन्हें भारत सरकार को उपलब्ध कराएं। जापान सरकार की तरफ से पत्र के जवाब में कहा गया कि उसके पास नेताजी से संबंधित पांच फाइल हैं। जापान ने अब तक उनमें से सिर्फ दो फाइल ही भारत सरकार को सौंपी हैं। उनमें नेताजी की बस कुछ तस्वीरें हैं। बाकी तीन फाइल, जो अब तक नहीं सौंपी गई हैं, वे बेहद महत्वपूर्ण हैं। उनके सामने आने से नेताजी के गायब होने के राज से पर्दा उठ जाएगा और इसे लेकर लंबे समय से चली आ रहीं तमाम 'फेक थ्योरीज' पर भी विराम लग जाएगा। 

बोस ने आगे कहा-'नेताजी 1942 से 1945 के दौरान कई बार जापान गए थे। जापान की इम्पीरियल आर्मी के जनरल हिदेकी तोजो के साथ उनके गहरे संबंध थे। दूसरे विश्व युद्ध की समाप्ति के समय जापान के विदेश मंत्री रहे मामोरु शिगेमित्सु ने ही नेताजी को 'हीरो ऑफ द एशिया' की उपाधि दी थी। जापान के साथ भारत के काफी अच्छे रिश्ते हैं। हम चाहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जापान सरकार से उन फाइलों को सौंपने को लेकर बातचीत करें। जर्मनी में रह रहीं नेताजी की पुत्री अनीता बोस फाफ इसे लेकर पीएम मोदी को कई बार पत्र भी लिख चुकी हैं।'

बोस ने जापान के टोक्यो शहर में स्थित रेनको-जी मंदिर में मौजूद अवशेषों का नेताजी के परिवार के सदस्यों से डीएनए मिलान कराने के लिए भी मोदी सरकार से कदम उठाने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा-'इससे पता चल जाएगा कि वे अवशेष वाकई नेताजी के हैं या नहीं। हम डीएनए टेस्ट कराने के लिए तैयार हैं।'


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