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West Bengal : नेताजी के वंशजों ने 18 अगस्त को पुण्यतिथि मनाने पर जताई नाराजगी

नेताजी के वंशजों ने कहा-इस तारीख पर नेताजी की पुण्यतिथि मनाने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता जस्टिस मुखर्जी कमीशन ने भी कहा है- विमान दुर्घटना में नहीं हुई थी नेताजी की मौत

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 20 Aug 2020 07:56 AM (IST)Updated: Thu, 20 Aug 2020 12:10 PM (IST)
West Bengal :  नेताजी के वंशजों ने 18 अगस्त को पुण्यतिथि मनाने पर जताई नाराजगी
West Bengal : नेताजी के वंशजों ने 18 अगस्त को पुण्यतिथि मनाने पर जताई नाराजगी

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। नेताजी सुभाष चंद्र बोस के परिवार के कुछ सदस्य और कई कार्यकर्ता स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस की पुण्यतिथि के तौर पर 18 अगस्त को चिह्नित किए जाने से भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता सहित कई राजनेताओं से नाराज हैं। नेताजी के परपोते और सामाजिक कार्यकर्ता इंद्रनील मित्रा ने इसका विरोध करते हुए कहा, 'यह बहुत ही गलत है। इस तारीख पर नेताजी की पुण्यतिथि मनाने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता। यहां तक कि जस्टिस मुखर्जी कमीशन ने भी कहा है कि नेताजी की मौत विमान दुर्घटना में नहीं हुई थी।'

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कई लोगों द्वारा उनकी मौत विमान दुर्घटना में होने के तथ्य को मानने से इनकार करने के बावजूद 18 अगस्त को नेताजी की 75वीं पुण्यतिथि के तौर पर मनाया गया। कई लोगों का मानना है कि नेताजी दुर्घटना में बच गए थे और उन्होंने छिपकर अपना बुढ़ापा बिताया और उनकी मृत्यु एक अनसुलझी रहस्य बनी हुई है।

18 अगस्त को महान स्वतंत्रता सेनानी की पुण्यतिथि मनाना एकदम गलत

-मित्रा ने कहा कि 18 अगस्त को लोगों को स्वतंत्रता सेनानी की पुण्यतिथि के रूप में मनाते हुए देखना बेहद निराश करने वाला है। उन्होंने कहा, 'विमान दुर्घटना का सिद्धांत जवाहरलाल नेहरू और उनके सहयोगी लेकर आए थे, वह भी इसलिए ताकि भारत के प्रधानमंत्री के रूप में उनका पद सुरक्षित रहे। उन्होंने नेताजी को युद्ध अपराधी घोषित कर दिया था और पूरे देश में नेताजी की हवाई दुर्घटना में मौत का सिद्धांत फैला दिया गया, जबकि ऐसी विमान दुर्घटना की कोई आधिकारिक सूचना नहीं थी।'

नेताजी के परिवार की दो दशकों से अधिक समय तक की गई जासूसी

मित्रा ने यह भी आरोप लगाया कि तत्कालीन केंद्र सरकार ने एक विशेष परिवार के राजनीतिक हितों को सुरक्षित रखने के लिए नेताजी के परिवार की दो दशकों से अधिक समय तक जासूसी की। गौरतलब है कि 18 अगस्त, 1945 को ताइवान में हुए विमान दुर्घटना से बचे नेताजी की मौत कैसे हुई, इसे लेकर कई सिद्धांत हैं। एक सिद्धांत यह भी है कि उन्होंने गुप्त रूप से अपना जीवन व्यतित किया या फिर अन्य तरीके से उनकी मौत हुई होगी।

कई नेताओं ने दी थी श्रद्धांजलि

लेखक और नेताजी पर शोध कर रहे शोधकर्ता डॉ. जयंत चौधरी ने कहा कि यह देखना बेहद ‘दुखद’ है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने नेताजी को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि कैलाश विजयवर्गीय जैसे कई वरिष्ठ भाजपा नेताओं और अन्य लोगों ने भी नेताजी को सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि दी, उनकी पुण्यतिथि मनाई। 


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