बढ़ेगी नौसेना की ताकत, दूसरा एंटी सबमरीन जहाज आन्द्रोत किया गया लांच
कोलकाता में स्थित रक्षा पीएसयू गार्डनरीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (जीआरएसइ) द्वारा भारतीय नौसेना के लिए निर्मित एंटी-सबमरीन वारफेयर शैलो वाटर क्राफ्ट (एएसडब्ल्यूएसडब्ल्यूसी) सीरीज के दूसरे जहाज को मंगलवार को यहां लांच किया गया। इस मोस्ट साइलेंट हंटर्स जहाज का नाम आइएनएस आन्द्रोत रखा गया है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता: सीमा पर पड़ोसी चीन और पाकिस्तान की नापाक हरकतों को देखते हुए भारत की सैन्य क्षमता में लगातार इजाफा किया जा रहा है। इसी कड़ी में कोलकाता में स्थित रक्षा पीएसयू गार्डनरीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (जीआरएसइ) द्वारा भारतीय नौसेना के लिए निर्मित एंटी-सबमरीन वारफेयर शैलो वाटर क्राफ्ट (एएसडब्ल्यूएसडब्ल्यूसी) सीरीज के दूसरे जहाज को मंगलवार को यहां लांच किया गया। इस मोस्ट साइलेंट हंटर्स जहाज का नाम आइएनएस आन्द्रोत रखा गया है।
जीआरएसएसइ यार्ड में लांचिंग के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में पश्चिम नौसेना कमान के प्रमुख वाइस एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी मौजूद थे। इस दौरान मौजूद नौसेना के पश्चिमी कमान की पत्नी कल्याण संघ (एनडब्ल्यूडब्ल्यूए) की अध्यक्ष शशि त्रिपाठी ने नौसेना की परंपरा के अनुसार इस जहाज का नामकरण और इसे लांच किया। समारोह के दौरान पूर्व भारतीय क्रिकेट अरुण लाल विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद थे।
गौरतलब है कि जीआरएसइ भारतीय नौसेना के लिए आठ एएसडब्ल्यूएसडब्ल्यूसी का निर्माण कर रहा है। अधिकारियों के अनुसार, इस मोस्ट साइलेंस शिप को भारतीय नौसेना को सौंप दिए जाने के बाद उसकी ताकत में काफी इजाफा होगा और समुद्री सीमाओं में दुश्मनों की पनडुब्बियों का पता लगाने में बहुत आसानी होगी। 77.6 मीटर लंबे और 10.5 मीटर चौड़े ये जहाज तीन डीजल चालित जेट वाटर द्वारा संचालित हैं और तटीय जल की पूर्ण पैमाने पर उप-सतही निगरानी के साथ खोज और दुश्मनों पर हमले में सक्षम हैं।
गौरतलब है कि इससे पहले बीते 20 दिसंबर को जीआरएसइ द्वारा नौसेना के लिए निर्मित इस श्रृंखला के पहले एंटी सबमरीन वारफेयर शैलो वाटर क्राफ्ट अर्णाला को लांच किया गया था। तीन महीने के भीतर ही दूसरे जहाज को लांच किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि अब ये जहाज विभिन्न समुद्री परीक्षणों से गुजरेगा और उसके बाद इसे नौसेना में शामिल कर दिया जाएगा।
इस अवसर पर पश्चिमी नौसेना कमान के प्रमुख त्रिपाठी ने जहाज निर्माण में स्वदेशीकरण प्राप्त करने की दिशा में जीआरएसइ के प्रयास और भारत सरकार के आत्मनिर्भर भारत मिशन में उसके योगदान की सराहना की। उन्होंने भारतीय नौसेना की एंटी-सबमरीन वारफेयर क्षमता बढ़ाने में जीआरएसइ के योगदान का उल्लेख करते हुए कहा कि आज पनडुब्बी रोधी युद्धपोत का शुभारंभ इस दिशा में एक और कदम है। इस अवसर पर जीआरएसइ एवं भारतीय सशस्त्र बलों के कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।