समुद्र के रास्ते आने वाले किसी भी खतरे से निपटने के लिए नौसेना तैयार : कमोडोर साहू
दो टूक-कहा-भारतीय नौसेना ने सभी आयामों में क्षमता कई गुना बढ़ाई है। हिंद महासागर में चीन की हर हरकत पर भारतीय नौसेना की नजर। नौसेना दिवस की पूर्व संध्या पर कोलकाता में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते बंगाल में नौसेना प्रभारी अधिकारी कमोडोर ऋतुराज साहू (बीच में) व अन्य।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : हिंद महासागर में चीनी नौसेना की बढ़ती गतिविधियों के बीच पश्चिम बंगाल में नौसेना के प्रभारी अधिकारी (एनओआइसी) कमोडोर ऋतुराज साहू ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय नौसेना कहीं भी और कभी भी जरूरत पडऩे पर उचित और एकजुट कार्रवाई के लिए पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय नौसेना ने सतही पोतों, नौसेना उड्डयन और समुद्र के नीचे के क्षेत्रों से जुड़े सभी आयामों में अपनी क्षमता कई गुना बढ़ाई है।
भारतीय नौसेना समुद्र के रास्ते खतरे का सामना करने को तैयार
50वें नौसेना दिवस की पूर्व संध्या पर यहां स्थित नौसेना के पश्चिम बंगाल बेस आइएनएस नेताजी सुभाष में संवाददाताओं से बात करते हुए कमोडोर साहू ने कहा- भारतीय नौसेना समुद्र के रास्ते किसी भी खतरे का सामना करने व इसका जवाब देने के लिए पूरी तरह से तैयार है। जब भी इसकी जरूरत होगी हम कहीं भी और कभी भी इसका उचित तथा एकजुट कार्रवाई करने में सक्षम हैं।
हर हरकत पर करीबी नजर, भौगोलिक दृष्टि से स्थिति है मजबूत
हिंद महासागर में चीनी नौसेना के कथित तौर पर बढ़ते दखल के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि भारतीय नौसेना की हर हरकत पर करीबी नजर है। इस क्षेत्र में भारत की भौगोलिक दृष्टि से स्थिति काफी मजबूत है। उन्होंने कहा कि भारतीय नौसेना के समुद्री टोही विमान और युद्धपोत के जरिए हिंद महासागर क्षेत्र के विभिन्न स्थानों पर नजर रखी जा रही थी। हमारा क्षेत्र हमेशा निगरानी में रहता है।
स्वदेशी निर्माण व समकालीन प्रौद्योगिकी ने युद्धक क्षमता बढ़ाई
कमोडोर साहू ने आगे कहा कि स्वदेशी निर्माण और समकालीन प्रौद्योगिकी ने नौसेना की युद्धक क्षमता को बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में सुधार के साथ हम अपने राष्ट्र की समुद्री सुरक्षा के लिए हिंद महासागर क्षेत्र पर नजर रखने में सक्षम हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय नौसेना देश को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए चलाई जा रही सरकार की तमाम योजनाओं का मजबूती से समर्थन कर रही है और उनमें यथासंभव योगदान कर रही है।
तटीय सुरक्षा योजनाएं मुंबई आतंकवादी हमलों के बाद विकसित
उन्होंने कहा कि नौसेना के नए बेड़े का लगभग 95 प्रतिशत युद्धक पोत, पनडुब्बियां आदि भारतीय शिपयार्ड में ही बनाया जा रहा है। कमोडोर साहू ने आगे बताया कि बांग्लादेश से भारतीय सीमा में मछली पकडऩे वाले ट्रालरों और अन्य जहाजों की आवाजाही की जांच के लिए फुलप्रुफ व्यवस्था करने के लिए काम चल रहा है। उन्होंने इस बात को भी रेखांकित किया कि देश में तटीय सुरक्षा योजनाएं 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमलों के बाद विकसित हुई हैं।
नौसेना द्वारा चलाई जा रही विभिन्न गतिविधियों से कराया अवगत
एनओआइसी ने इस मौके पर बंगाल व देश के अन्य हिस्सों में नौसेना द्वारा आम नागरिकों से जुडऩे व उनकी सहायता के लिए चलाई जा रही विभिन्न गतिविधियों से भी अवगत कराया। उन्होंने कहा कि नौसेना ने दक्षिण 24 परगना और पूर्व मेदिनीपुर जिले में चक्रवात यास से हुए नुकसान के बाद बड़े पैमाने पर राहत अभियान चलाया। इसके अलावा तटीय क्षेत्र में मछली पकडऩे वाले गांवों के लोगों व मछुआरों के साथ नियमित रूप से बातचीत कर रही है। कमोडोर साहू ने कहा, मछुआरा समुदाय और ग्रामीण तटीय सुरक्षा के लिए कान और आंख हैं और वे भारतीय नौसेना के साथ हैं।