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कोलकाता में जल्द तैयार होगा नौसेना म्यूजियम

दस साल पहले समुद्र के रास्ते मुंबई में हुए आतंकी हमले के बाद हमारी समुद्री सुरक्षा काफी मजबूत हुई है। भारतीय नौसेना समुद्री इलाकों में दिन-रात निगरानी कर रही है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Tue, 04 Dec 2018 11:08 AM (IST)Updated: Tue, 04 Dec 2018 11:08 AM (IST)
कोलकाता में जल्द तैयार होगा नौसेना म्यूजियम
कोलकाता में जल्द तैयार होगा नौसेना म्यूजियम

जागरण संवाददाता, कोलकाता। दस साल पहले समुद्र के रास्ते मुंबई में हुए आतंकी हमले के बाद हमारी समुद्री सुरक्षा काफी मजबूत हुई है। भारतीय नौसेना समुद्री इलाकों में दिन-रात निगरानी कर रही है। यह कहना है पश्चिम बंगाल में नौसेना के चीफ अधिकारी (एनओआइसी) कमोडोर सुप्रभो के दे का।

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नौसेना दिवस से एक दिन पहले उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षो में समुद्री तटीय सुरक्षा तंत्र में व्यापक परिवर्तन किया गया है। हमारे पास तटीय सुरक्षा के लिए अब एक बहुस्तरीय सुरक्षा तंत्र है जिसमें तटरक्षक बल और नौसेना सहित विभिन्न एजेंसियां शामिल हैं। उन्होंने विश्र्वास दिलाया कि नौसेना तटीय सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और भविष्य में समुद्र के रास्ते किसी भी आतंकी घटनाओं को रोकने में पूरी तरह सक्षम है। कमोडोर ने कहा कि पश्चिम बंगाल सहित पूरे पूर्वी क्षेत्र में हमारी समुद्री सुरक्षा ताकत लगातार बढ़ रही है।

उन्होंने आगे बताया कि विशाखापत्तनम में स्थित नौसेना म्यूजियम की तर्ज पर भारतीय नौसेना की ओर से कोलकाता में भी जल्द 'नेवल एयरक्राफ्ट व सबमेरिन म्यूजियम' स्थापित किया जाएगा। बंगाल सरकार ने जून में इसकी सैद्धांतिक मंजूरी भी दे दी है। दे ने बताया, म्यूजियम के लिए जमीन चिन्हित करने का काम चल रहा है। नौसेना ने राज्य सरकार को कोलकाता के ईको पार्क, पाटुली या उत्तर कोलकाता में जमीन उपलब्ध कराने का प्रस्ताव दिया है। म्यूजियम के लिए करीब 50 स्क्वायर एकड़ जमीन की जरूरत है। उन्होंने उम्मीद जताई कि अगले कुछ महीनों में जमीन उपलब्ध करा दिया जाएगा। इसके बाद म्यूजियम के बनने में महज नौ से 10 माह का समय लगेगा।

फिशिंग बोट पर हमेशा रखी जा रही निगरानी

कमोडोर दे ने बताया कि समुद्र में मछली पकड़ने वाली नौकाओं (फिशिंग बोट) व मछुआरों की गतिविधियों पर नजर रखने एवं उनकी रक्षा के लिए नौसेना कई उपाय कर रही है। उन्हें बायोमेट्रिक पहचान पत्र भी दिए जा चुके हैं। इसके अलावा तटीय सुरक्षा बढ़ाने के प्रयासों के तहत पश्चिम बंगाल में लगभग 70 फीसद नौकाओं में एआइएस (स्वत: पहचान प्रणाली) लगाए जा चुके हैं।

30 फीसद नौकाओं में यह नहीं लगा है। इसके लिए भी राज्य सरकार से लगातार बातचीत चल रही है। उन्होंने कहा कि इस प्रणाली के जरिए हमेशा इन नौकाओं पर निगरानी रखा जाता है। उन्होंने बताया इसरो ने नौकाओं पर नजर रखने के लिए अत्याधुनिक एआइएस प्रणाली विकसित किया है। फिलहाल पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर तमिलनाडु के नौकाओं में इसे लगाया गया है। इसकी सफलता के बाद भविष्य में पश्चिम बंगाल के नौकाओं में भी यह प्रणाली लगाया जाएगा।

उन्होंने कहा कि नौसेना और तटरक्षक बल बंगाल के तटीय क्षेत्रों में मछुआरों के साथ लगातार संवाद स्थापित किया है और उन्हें हमारी आंख और कान योजना का हिस्सा बनाया है। उन्हें तटीय सुरक्षा के महत्व के संबंध में समझाया है कि किस प्रकार उनमें से हर कोई तटीय सुरक्षा की आंख और कान के रूप में हमारे महत्वपूर्ण सदस्य है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि सामाजिक दायित्व के तहत नौसेना की तरफ से कोलकाता व आसपास के इलाकों में सालभर चिकित्सा शिविर सहित अन्य गतिविधियों का संचालन किया जाता है। साथ ही यहां के युवाओं को नौसेना में करियर बनाने के लिए लगातार प्रेरित किया जा रहा है।

आज व कल खिदिरपुर डॉक में नौसेना के युद्धपोतों की प्रदर्शनी

कमोडोर दे ने बताया कि नौसेना दिवस के अवसर 4 व 5 दिसंबर को कोलकाता के खिदिरपुर डॉक में नौसेना की ओर से युद्धपोत की प्रदर्शनी लगाई जाएगी। इसके लिए दो युद्धपोत आइएनएस सुमेधा व आइएनएस किर्ची पहुंच चुका है। स्कूली बच्चे, मछली पकड़ने वाले समुदाय के लोग एवं केंद्र व राज्य सरकार के सेवारत्त व सेवानिवृत्त कर्मियों और उनके आश्रित इस युद्धपोत को करीब से देख सकेंगे।

इस बार सुरक्षा कारणों से आम लोगों को यहां जाने की अनुमति नहीं होगी। इसके अलावा नौसेना दिवस पर आइएनएस नेताजी सुभाष में कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिसमें सेना के तीनों अंगों के अधिकारी व कर्मी भाग लेंगे।  मौके पर कमोडोर जयंत चौधरी व चीफ स्टाफ ऑफिसर कैप्टन सुमंत रॉय भी मौजूद रहे।


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