Narada sting operation case: मंत्रियों की गिरफ्तारी पर पहली बार बोलीं ममता बनर्जी, कहा-यह है राजनीतिक प्रतिशोध
नारद स्टिंग ऑपरेशन मामले में आरोपित बंगाल के मंत्री फिरहाद हकीम सुब्रत मुखर्जी विधायक मदन मित्रा और कोलकाता के पूर्व मेयर शोभन चटर्जी की गिरफ्तारी पर गुरुवार को पहली बार मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सार्वजनिक स्तर पर बयान किया।
राज्य ब्यूरो, कोलकाताः नारद स्टिंग ऑपरेशन मामले में आरोपित मंत्री फिरहाद हकीम, सुब्रत मुखर्जी, विधायक मदन मित्रा और कोलकाता के पूर्व मेयर शोभन चटर्जी की गिरफ्तारी पर गुरुवार को पहली बार मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सार्वजनिक तर पर मुंह खोलते हुए कहा कि राजनीतिक प्रतिशोध के तहत यह गिरफ्तारी हुई है, कहा कि मामला विचाराधीन है। इसीलिए उस पर वह कोई टिप्पणी नहीं करेंगी।
बता दें कि इन चार हैवीवेट नेताओं को सीबीआई ने सोमवार को गिरफ्तार कर लिया था। उसके बाद विरोध में ममता बनर्जी सीबीआई कार्यालय में छह घंटे तक धरना दिया था, हालांकि निचली अदालत ने इन नेताओं को दे दी थी, लेकिन कलकत्ता हाईकोर्ट ने जमानत पर रोक लगा दी थी। इस मामले की बुधवार इस मामले की सुनवाई हुई थी। कलकत्ता उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति अरिजीत बनर्जी की खंडपीठ मामले की सुनवाई गुरुवार दो बजे होने की बात थी लेकिन आज अपरिहार्य कारणों से मामले पर सुनवाई नहीं हो सकी।
ममता बनर्जी ने नवान्न में संवाददाता सम्मेलन में साफ कहा कि यह विचाराधीन मामला है। वह इस पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगी, लेकिन कोलकाता नगर निगम के प्रशासक के साथ जो किया गया। उस अन्याय की कोई सीमा नहीं है। यह सियासी प्रतिशोध है। फिरहाद हकीम ने जब वैक्सीन का ट्रायल हो रहा था। उस समय अपनी जान की बाजी लगाते हुए ट्रायल में हिस्सा लिया था। तीन-चार दिनों से सभी को अटका कर रख दिया गया है।
वह आशा करती हैं कि न्याय विचार होगा। उन्होंने कहा कि कई दिन बॉबी (फिरहाद हकीम) और सुब्रत दा ( मंत्री सुब्रत मुखर्जी) कार्य नहीं कर पाए हैं। यह देखना होगा कि डेड बॉडी जमा है या नहीं। उन्होंने कहा कि फिरहाद हकीम ने कोरोना मुकाबले के लिए कई तरह का काम शुरू किया था, लेकिन काम करने नहीं दिया गया।