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Election 2019: एक सप्ताह बाद बरामद हुए नदिया जिले के लापता डिप्टी मजिस्ट्रेट अर्णव रॉय

Election 2019 कोलकाता से सटे नदिया जिले से रहस्यमय तरीके से लापता हुए डिप्टी मजिस्ट्रेट अर्णव रॉय को आखिरकार एक सप्ताह बाद बरामद कर लिया गया है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 25 Apr 2019 12:31 PM (IST)Updated: Thu, 25 Apr 2019 12:31 PM (IST)
Election 2019: एक सप्ताह बाद बरामद हुए नदिया जिले के लापता डिप्टी मजिस्ट्रेट अर्णव रॉय

कोलकाता, जेएनएन। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता से सटे नदिया जिले से रहस्यमय तरीके से लापता हुए डिप्टी मजिस्ट्रेट अर्णव रॉय को आखिरकार एक सप्ताह बाद बरामद कर लिया गया है। मिली जानकारी के मुताबिक सीआईडी की टीम ने मोबाइल सर्विलांस के जरिए हावड़ा स्टेशन से गुरुवार सुबह अर्णव रॉय को बरामद किया है।

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बताया गया है कि वह स्वस्थ हैं। उन्हें सीआईडी ने अपनी हिरासत में लेकर पूछताछ के लिए कोलकाता के भवानी भवन में स्थित सीआईडी मुख्यालय ले गई है। गत 18 अप्रैल को नदिया जिले के कृष्णानगर में कलेक्ट्रेट दफ्तर से‌ रहस्यमय हालत में लापता हो गए थे। अब सीआईडी यह पता लगाने में जुट गई है कि आखिर किस वजह से वह लापता हुए थे। 

जानकारी हो कि बंगाल में नदिया जिले के ईवीएम और वीवीपैट प्रभारी नोडल चुनाव अधिकारी अर्नब राय गुरुवार से कथित तौर पर लापता बताए जा रहे थे। लोकसभा चुनाव 2019 के दूसरे चरण में अर्नब रॉय की चुनावी ड्यूटी बिप्रदास चौधरी पॉलिटेक्निक कॉलेज में थी। गुरुवार को चुनाव ड्यूटी के दौरान दोपहर के लंच के बाद से उनका कुछ पता नहीं चल पाया। उन पर ईवीएम और वीवीपैट मशीन की अहम जिम्मेदारी थी। उनकी गुमशुदगी के बाबत थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। पुलिस तलाश में जुटी थी। शुक्रवार को चुनाव आयोग के बंगाल में विशेष पर्यवेक्षक अजय वी नायक ने संकेत दिया कि अर्नब पारिवारिक कारणों से लापता हो सकते हैं। इसमें कोई राजनीति वजह नहीं लगता है। पंचायत चुनाव के दौरान बूथ से ऐसे ही एक पीठासीन अधिकारी लापता हो गए थे जिनका शव रेल लाइन के किनारे मिला था।

बताया गया कि गुरुवार को चुनाव ड्यूटी के तहत राय बिप्रदास चौधरी पॉलिटेक्निक कॉलेज पहुंचे थे। दोपहर को लंच के बाद से वह अचानक गायब हो गए। उनके साथियों को लगा कि अर्नब आसपास के गांव में होंगे। इसलिए उस वक्त लोगों ने उनकी तलाश नहीं की। फिर कुछ घंटे बीतने के बाद उनके साथियों को शक हुआ तो उन्होंने अर्नब की तलाश शुरू की। लेकिन अर्नब नहीं मिले। आखिर में उनके लापता होने की शिकायत थाने में की गई थी।

बताया जा रहा है कि अर्नब की गाड़ी भी पोलिटेक्निक कॉलेज में ही खड़ी थी। पुलिस को शक था कि कहीं उन्हें अगवा ना कर लिया गया हो। पुलिस हर एंगल से जांच कर रही थी। पुलिस अर्नब के ड्राइवर से पूछताछ कर रही थी कि उसने उन्हें कहां छोड़ा था। उनके संदिग्ध रूप से गायब होने के बाद कई तरह के सवाल खड़े हो रहे थे। पुलिस ने उनकी गाड़ी की भी तलाशी ली थी, लेकिन कुछ बरामद नहीं हुआ था।


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