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बंगाल में सुरक्षित नहीं मुस्लिम महिलाएं मांगा इंसाफ

ससुराल एवं समाज की प्रताड़ना सह रही तीन तलाक की शिकार इशरत जहां ने व्यक्त की पीड़ा, कोर्ट के फैसले के बाद किया जा रहा मानसिक रूप से प्रताड़ित।

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 30 Aug 2017 11:13 AM (IST)Updated: Wed, 30 Aug 2017 11:13 AM (IST)
बंगाल में सुरक्षित नहीं मुस्लिम महिलाएं मांगा इंसाफ
बंगाल में सुरक्षित नहीं मुस्लिम महिलाएं मांगा इंसाफ

हावड़ा, [जागरण संवाददाता] । पश्चिम बंगाल में अब मुस्लिम महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। ससुराल एवं अपने समाज की प्रताड़ना सह रही तीन तलाक की शिकार इशरत जहां ने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जिस तरह से उसे घर एवं बाहर प्रताड़ित किया जा रहा है, उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि आज पश्चिम बंगाल में मुस्लिम महिलाओं की स्थिति क्या है।

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 इशरत ने बताया कि 25 अगस्त को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखकर सुरक्षा की मांग की गई, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। अभी भी उस पर ससुराल में जुल्म किया जा रहा है। इस बार इशरत ने पूर्व पति मुर्तजा अंसारी एवं उसके बड़े भाई मुस्तफा की गिरफ्तारी की मांग करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तथा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखा है।

उनका आरोप है कि तीन तलाक मामले पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद से उसे मुर्तजा एवं मुस्तफा मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे हैं। उन्हें गंभीर परिणाम की धमकियां दे रहे हैं। ऐसी स्थिति में वह काफी असुरक्षित महसूस कर रही हैं। इसलिए पश्चिम बंगाल एवं बिहार सरकार को इन दोनों आरोपियों को गिरफ्तार करना चाहिए। उनकी गिरफ्तारी की मांग को लेकर सोमवार को दोनों सरकारों को पत्र दिए गए।

इशरत ने कहा कि उसके पूर्व पति का बड़ा भाई हावड़ा के पिलखाना में रहता है। इसलिए उन्होंने उसकी गिरफ्तारी के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है।

तीन तलाक की शिकार इशरत की मांग, पूर्व पति एवं उसके बड़े भाई को किया जाए गिरफ्तार 14आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग पर ममता बनर्जी व नीतीश कुमार को लिखा पत्र

शबाना आजमी ने की मॉडल निकाहनामे की वकालत

 दिग्गज अभिनेत्री शबाना आजमी ने मॉडल निकाहनामे की वकालत की है। 66 वर्षीय अभिनेत्री ने मंगलवार को ‘उत्तर प्रदेश में मदरसे पढ़ाएंगे तलाक के सही तरीके’ शीर्षक वाले एक लेख को साझा करते हुए ट्वीट किया। इसमें उन्होंने लिखा, ‘इस्लाम में जन्नत में शादियां तय नहीं होतीं। यह एक करार है। हमें ऐसे मॉडल निकाहनामे की जरूरत है जिसमें इस करार के नियम निष्पक्ष हों।’

जाने-माने लेखक और गीतकार जावेद अख्तर की पत्नी शबाना विभिन्न मसलों पर अपनी बेबाक राय रखती रही हैं। उन्होंने पिछले हफ्ते तीन तलाक पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया था। अभिनेत्री ने तब कहा था कि यह फैसला देश की बहादुर मुस्लिम महिलाओं की जीत है। सुप्रीम कोर्ट ने बहुमत से तीन तलाक को असंवैधानिक ठहराया था। शबाना एक एनजीओ भी चलाती हैं। इसकी शुरुआत उनके पिता कैफी आजमी ने की थी। यह एनजीओ महिलाओं के लिए रोजगार सृजन और चिकनकारी कढ़ाई को पुनर्जीवित करने के मकसद के साथ शुरू किया गया था।

 यह भी पढ़ेंः ...तब तक मुस्लिम महिलाओं को आजादी नहीं मिलेगी : तसलीमा


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