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West Bengal: होली काऊ पर होने वाली ऑनलाइन परीक्षा में बैठेंगे पांच लाख से अधिक

यूजीसी ने केंद्र सरकार के स्वदेशी गाय विज्ञानÓ परीक्षा के लिए छात्रों को प्रोत्साहित करने के लिए 900 विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को लिखा पत्र। अध्ययन सामग्री में कहा गया है कि भारत और रूस में परमाणु केंद्रों में विकिरणों से सुरक्षा के रूप में गोबर का उपयोग किया जाता है।

By PRITI JHAEdited By: Published: Tue, 23 Feb 2021 03:04 PM (IST)Updated: Tue, 23 Feb 2021 03:04 PM (IST)
West Bengal: होली काऊ पर होने वाली ऑनलाइन परीक्षा में बैठेंगे पांच लाख से अधिक
होली काऊ पर होने वाली ऑनलाइन परीक्षा में बैठेंगे पांच लाख से अधिक

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। होली काऊ पर अगले गुरुवार को होने वाली ऑनलाइन परीक्षा में पांच लाख से अधिक लोग बैठेंगे। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने केंद्र सरकार के स्वदेशी गाय विज्ञान परीक्षा के लिए छात्रों को प्रोत्साहित करने के लिए 900 विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को पत्र लिखा है।

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केंद्रीय पशुपालन मंत्रालय के तहत 2019 में गठित राष्ट्रीय कामधेनु आयोग की यह दिमागी उपज है। बंगाल भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा था कि भारतीय गायों के कूबड़ में कुछ खास है, जो धूप को सोने में बदल देती है, जो गाय के दूध को अपना पीला रंग देती है।

एक घंटे की ऑनलाइन परीक्षा के लिए राष्ट्रीय कामधेनु आयोग द्वारा साझा की गई अध्ययन सामग्री में कहा गया है कि भारत और रूस में परमाणु केंद्रों में विकिरणों से सुरक्षा के रूप में गोबर का उपयोग किया जाता है। इसने भोपालवासियों को गैस रिसाव से भी बचाया था। सामग्री यह भी बताती है कि भारतीय गायों के पास अपने कूबड़ में स्थित सौर नाड़ी की मदद से सूर्य की ऊर्जा को अवशोषित करने की विशेष शक्ति है, परिणामस्वरूप भारतीय गाय का दूध, गोबर और गोमूत्र का पोषण होता है।

राष्ट्रीय कामधेनु आयोग के अध्यक्ष वल्लभाई कथिरिया ने कहा-'इसमें कुछ भी अवैज्ञानिक नहीं है। हम गायों की भारतीय नस्ल के महत्व को जानना चाहते हैं इसलिए हम इस परीक्षा को आयोजित कर रहे हैं। उन्होंने पांच जनवरी को दिल्ली में एक प्रेस मीट में परीक्षा की घोषणा की थी। 12 फरवरी को यूजीसी ने देशभर के विश्वविद्यालयों को लिखा था कि वे 'कामधेनु गौ विज्ञान प्रचार प्रसार परीक्षा में भाग लेने के लिए कहें।

कोलकाता में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के उपाध्यक्ष आदित्य दास ने कहा-'हम अपनी धारणा में बहुत स्पष्ट हैं। हम अपने ज्ञान, जानकारी और गाय की पवित्रता और आॢथक लाभ के साथ जनता के पास जाएंगे। लोग तय करेंगे कि प्रोफेसरों का एक वर्ग जरुरत से ज्यादा प्रतिक्रिया क्यों जाहिर कर रहा है?

जादवपुर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और छात्र यूजीसी के अनुरोध से स्तब्ध हैं। जादवपुर उन 900 विश्वविद्यालयों में से एक है, जिन्हेंं परीक्षा को बढ़ावा देने के लिए कहा गया है। जादवपुर विश्वविद्यालय के भौतिकी विभाग के प्रोफेसर पार्थ रॉय ने कहा-'केंद्र सरकार अनुसंधान के लिए जादवपुर विश्वविद्यालय को 60 करोड़ रुपये नहीं दे रही है। वह क्या करने की कोशिश कर रही है?

अंग्रेजी विभाग के प्रोफेसर सामंतक दास ने कहा-'मुझे लगता है कि इसके पीछे अच्छी तरह से सोची समझी योजना है। आप असत्य को वैध बनाने की कोशिश कर रहे हैं। 


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