बंगाल में कोरोना के बीच 550 से अधिक सामने आए डेंगू के मामले, सिर्फ कोलकाता में 94 केस
बंगाल में एक तरफ कोरोना महामारी तेजी से फैल रही है तो दूसरी ओर मानसून की बारिश शुरू होने से पहले ही डेंगू ने लोगों पर हमला बोल दिया है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाताः बंगाल में एक तरफ कोरोना महामारी तेजी से फैल रही है तो दूसरी ओर मानसून की बारिश शुरू होने से पहले ही डेंगू ने लोगों पर हमला बोल दिया है। राज्य स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों ने बताया है कि अब तक बंगाल में डेंगू से 550 से अधिक लोग पीड़ित हो चुके हैं। सिर्फ कोलकाता में 94 लोगों के डेंगू से बीमार होने के मामले सामने आए हैं। चिकित्सकों का कहना है कि डेंगू ने जिस तरह से पांव पसारना शुरू किया है यह काफी मुसीबत बढ़ा सकता है। क्योंकि, एक व्यक्ति कोरोना और डेंगू दोने से संक्रमित हो सकते हैं। ऐसे मरीज के उपचार में काफी परेशानी हो सकती है।
दूसरी ओर डेंगू के बढ़ते मामले ने राज्य सरकारे की भी परेशानी बढ़ा दी है। क्योंकि, ज्यादातर सरकारी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों के लैबों में कोरोना जांच हो रही है। इन लैबों पर काफी दबाव है। इसीलिए अब डेंगू से निपटने को राज्य सरकार ने नया फैसला लिया है। डेंगू के नमूनों का परीक्षण करने के लिए सात दिनों के भीतर राज्य में कई एलाइजा प्रयोगशालाएं स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। परीक्षण के लिए तकनीशियन नियुक्त किए जाएंगे। कोलकाता समेत कई जिलों में डेंगू के मामले सामने आए हैं। जैसे ही डेंगू फैलने की रिपोर्ट स्वास्थ्य भवन पहुंची, गतिविधियां शुरू कर दी गई है। शुक्रवार को दिन भर की बैठक के बाद निर्णय लिया गया कि कोरोना अस्पतालों या फिर मेडिकल कॉलेजों के प्रयोगशालाओं में इस समय कोरोना की जांच हो रही है। नतीजतन, उन सभी प्रयोगशालाओं में एलाइजा विधि का उपयोग करके डेंगू के नमूनों का परीक्षण करना संभव नहीं है। इसीलिए अगले 7 दिनों के भीतर, स्वास्थ्य भवन ने राज्य के विभिन्न अस्पतालों और प्रयोगशालाओं में डेंगू की जांच एलाइजा मशीन सहित बुनियादी ढांचे के निर्माण का निर्देश दिया है। अगले 7 दिनों में राज्य में जहां एलाइजा जांच की व्यवस्था नहीं है। उन सभी जगहों पर बुनियादी ढांचे का निर्माण करने का निर्देश दिया गया है।