मंत्री चंद्रिमा ने राज्यपाल को बताया 'गुपी गाइन बाघा बाइन'
जागरण संवाददाता कोलकाता राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने आरोप लगाया है कि उन्हें पुलिस की मौजूदगी मे
जागरण संवाददाता, कोलकाता : राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने आरोप लगाया है कि उन्हें पुलिस की मौजूदगी में मुर्शिदाबाद जिले के डोमकल में काला झंडा दिखा तृणमूल समर्थकों ने प्रदर्शन किया। लेकिन पुलिस मौके पर मूकदर्शक बनी रही। इस पर मंत्री चंद्रिमा भंट्टाचार्य ने उन्हें 'गुपी गाइन बाघा बाइन' कह कर कटाक्ष किया और कहा कि हर रोज राज्यपाल आरोप ही लगाते हैं। उन्होंने कहा राज्यपाल को मौके पर कोई असुविधा न हो इसलिए वहां पुलिस तैनात थी और प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने राज्यपाल के काफिले की ओर बढ़ने से भी रोका। लेकिन राज्यपाल तो 'गुपी गाइन बाघा बाइन' की तरह कर रहे हैं। वहीं राज्यपाल के एक अन्य बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए चंद्रिमा ने कहा कि राज्यपाल कहते हैं कि जहां उनकी इच्छा होगी वे जाएंगे। उन्हें कोई रोक नहीं सकता है। लेकिन मैं कहती हूं कि पहले वे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तरह 22 किलोमीटर पदयात्रा करके दिखाए, फिर मैं मानूंगी। इधर, राज्य सरकार की ओर से आगामी 26 नवंबर को संविधान दिवस के मौके पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। लेकिन इस कार्यक्रम में शामिल होने को राज्यपाल को अभी तक निमंत्रण नहीं भेजा गया है। इस पर मंत्री ने कहा कि वे तो अपने तरीके से संविधान का पालन करते हैं, जो हमारी नजर में उल्लंघन है। हमने उनकी शिकायत दिल्ली में भी की है। खैर, समझ में नहीं आ रहा है कि भला वे मुख्यमंत्री से प्रतिस्पर्धा क्यों कर रहे हैं? दरअसल, 'गुपी गाइन बाघा बाइन' साल 1968 में बनी बाग्ला की एक लोकप्रिय फिल्म का नाम है, जिसे सुप्रसिद्ध ऑस्कर विजेता निर्देशक सत्यजित रे ने बनाया था। फिल्म में बतौर मुख्य पात्र रहे गोपी और बाघा बेसुरे गायक होते हैं, जिन्हें उनके राज्य के लोग परेशान होकर वहां से भगा देते हैं।