देश में लाखों लोगों को कोरोना का टीका लग चुका है, बावजूद इसके बंगाल के फ्रंटलाइन वॉरियर भ्रमजाल में फंसे
प्रदेश के महज 50 फीसद डाक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों ने ही अब तक टीका लगवाया है। राज्य में तीन लाख स्वास्थ्यकर्मियों ने कोरोना का टीका नहीं लगवाया है। ऐसे में उन्हें चाहिए कि वे तत्काल टीका लगवाएं ताकि भविष्य में अन्य जरूरतमंदों के लिए इस योजना को आगे बढ़ाया जा सके।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। कोरोना महामारी को लेकर पूरा विश्व परेशान था और लोगों को इस बीमारी से बचने के लिए टीके का बेसब्री से इंतजार था। आज भी कई देश टीके के लिए परेशान हैं, लेकिन हमारे लिए अच्छी बात यह रही कि देश में एक साथ दो-दो टीके को मंजूरी मिली। सरकार ने पहले कोरोना महामारी से लड़ने में पहली पंक्ति में खड़े योद्धाओं यानी डॉक्टर, नर्स और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों को टीका लगाने की घोषणा की और उसके अनुसार देश में विश्व का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू हो गया।
हालांकि इसे लेकर कुछ कुछ राजनेताओं ने लोगों में भ्रम फैलाने की कोशिश की। लगता है कि बंगाल में अब तक स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े कई डॉक्टर, नर्स और अन्य स्वास्थ्यकर्मी उस भ्रम के जाल में फंसे हुए हैं और टीकाकरण को लेकर उदासीनता दिखा रहे हैं। इसी का नतीजा है कि अब केंद्र की ओर से बंगाल सरकार को साफ कह दिया गया है कि 20 फरवरी तक कोरोना का टीकाकरण कार्यक्रम पूरा करना होगा, क्योंकि यह तथ्य सामने आया है कि नौ फरवरी तक सूबे के महज 50 फीसद चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों ने ही टीका लगवाया है। अभी भी राज्य के तीन लाख से अधिक डॉक्टरों, नर्सो व स्वास्थ्यकर्मियों ने कोरोना का टीका नहीं लगवाया है।
देश में लाखों लोगों को कोरोना का टीका लग चुका है, बावजूद इसके बंगाल के फ्रंटलाइन वॉरियर भ्रमजाल में फंसे हुए हैं। इसी के मद्देनजर केंद्र सरकार ने साफ कहा है कि 20 फरवरी तक अगर वे टीका नहीं लगवाएंगे तो उनके नाम अगली सूची में डाल दिए जाएंगे। अगली सूची में 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोग व 50 के नीचे विभिन्न बीमारियों वाले लोग शामिल हैं। जो डॉक्टर व स्वास्थ्यकर्मी इसके दायरे में नहीं आएंगे, उन्हें आने वाले समय में बाजार से खुद कोरोना का टीका खरीदकर लगवाना पड़ सकता है।
राज्य के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ अजय चक्रवर्ती का कहना है कि 679 जगहों पर एक दिन में 26,310 चिकित्सकों व स्वास्थ्यकमयों के लिए कोरोना का टीका लगवाने की व्यवस्था है। अब तक 3,82,006 डॉक्टरों व स्वास्थ्यकर्मियों को कोरोना का टीका लगाया गया है। टीका लगवाने को लेकर डॉक्टरों व स्वास्थ्यकर्मियों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। बावजूद इसके उदासीनता बरती जा रही है। उन्हें समझाना होगा कि अगर वे 20 फरवरी तक टीका नहीं लगवाते हैं तो बचे हुए योद्धाओं के लिए अपने स्तर पर टीका लगवाना मुश्किल भरा हो सकता है।