मेयर की शिकायत पर पत्नी रत्ना चटर्जी गिरफ्तार
मेयर की ओर से थाने में शांतिभंग व परेशान करने की शिखायत की गई।
कोलकाता, जागरण संवाददाता। बेटी को स्कूल की ओर से जर्मनी जाना है। वीजा के लिए जरूरी दस्तावेजों पर पिता हस्ताक्षर नहीं कर रहे हैं। इसके विरोध रत्ना चटर्जी ने बेटी के लिए कोलकाता नगर निगम के मेयर, राज्य के अग्निशमन मंत्री व अपने पति शोभन चट्टोपाध्याय के दक्षिण कोलकाता के गोलपार्क स्थित आवास के बाहर गुरुवार की रात करीब एक बजे से सुबह तक धरने पर बैठीं रहीं।
इसके बाद मेयर की ओर से थाने में शांतिभंग व परेशान करने की शिखायत की गई। इस पर पुलिस ने रत्ना चटर्जी को रबींद्र सरोबर थाने की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने मेयर की पत्नी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 148/1497341/506 के तहत प्राथमिकी दर्ज की है।
यहां बताना जरूरी है कि मेयर का अपनी पत्नी रत्ना के साथ तालाक को लेकर विवाद चल रहा है। मामला कोर्ट में लंबित है। रत्ना का कहना है कि जब तक तृणमूल नेता और कोलकाता के मेयर उनकी बेटी के जर्मनी जाने के लिए जरूरी दस्तावेजों पर दस्तखत नहीं करेंगे, वह नहीं हटेंगी।
दरअसल, रत्ना मेयर की पत्नी है। दोनों के बीच तलाक का केस चल रहा है। शोभन इन दिनों रत्ना से अलग रहते हैं। इसलिए वह दस्तावेजों पर दस्तखत नहीं कर रहे हैं। हालांकि, अलीपुर कोर्ट का निर्देश है कि जब तक अंतिम तौर पर तलाक नहीं हो जाता, तब तक शोभन चट्टोपाध्याय को बच्चे के अभिभावक की तमाम जिम्मेदारियां निभानी पड़ेंगी। कोर्ट ने यह भी कहा है कि यदि शोभन ऐसा नहीं करते हैं, तो रत्ना देवी खुद अभिभावक के रूप में उन आवेदनों पर दस्तखत कर सकती हैं।
यहां बताना प्रासंगिक होगा कि पत्नी रत्ना के साथ शोभन चटर्जी के रिश्ते लंबे अरसे से खराब चल रहे हैं। उन्होंने गत वर्ष नवंबर में रत्ना से तलाक की अर्जी कोर्ट में दाखिल की। रत्ना के खिलाफ थाना भी शिकायत दर्ज करवा चुके हैं कोलकाता के मेयर। बाद में पुलिस ने रत्ना को समझाबुझा कर रवींद्र सरोबर थाने ले गई और मामले को सुलझाने का प्रयास कर रही है।
इस बीच शोभन का कहना है कि उन्हें परेशान करने के लिए एेसा किया गया है। मेयर ने अधिवक्ता के माध्यम से थाने में शिकायत दर्ज कराने की बात कही है। वहीं मेयर के अधिवक्ता का कहना है कि यह कोर्ट की अवमानना है। क्योंकि, कोर्ट ने साफ कहा था कि मेयर का शांतिभंग नहीं करना होगा। उन्होंने कहा कि कोर्ट खुलने पर वे इस संबंध में अवमानना का मामला अदालत को बताएंगे।