ममता सरकार केंद्र के ‘जल जीवन मिशन’ में शामिल होने को तैयार
बंगाल और केंद्र की बीच 5050 की लागत साझेदारी से होगा कार्य बंगाल सरकार के पास सैकड़ों करोड़ रुपये पहले से ही पड़े होने दावा
कोलकाताः, राज्य ब्यूरो। बंगाल ने ग्रामीण परिवारों को पाइपलाइन से पेयजल की आपूर्ति के उद्देश्य वाले केंद्र के ‘जल जीवन मिशन’ में शामिल होने का निर्णय किया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि केंद्र ने राज्य सरकार को परियोजना लागत का हिस्सा प्रायोजित करने की अनुमति दे दी जिसे लाभार्थियों द्वारा वहन किया जाना था। इसके बाद राज्य ने निर्णय किया।
अधिकारी ने कहा कि योजना बंगाल में केंद्र सरकार के साथ 50:50 की लागत साझेदारी के आधार पर लागू की जाएगी। उन्होंने कहा,‘हमें इस संबंध में केंद्र से मंजूरी मिल गयी है।’उन्होंने बताया कि राज्य सरकार को लाभार्थियों के हिस्से का भुगतान करने के लिए करीब छह हजार करोड़ रुपये खर्च करने होंगे।
देश के विभिन्न हिस्सों में पीने योग्य पानी की स्थित का उचित संज्ञान लेते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जल जीवन मिशन की शुरुआत की है। परंतु,पश्चिम बंगाल उसमें शामिल नहीं हुआ था। परंतु, अब शामिल होने जा रहा है। जल जीवन मिशन सरकार का एक प्रमुख कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य 2024 तक सुचारू घरेलू नल कनेक्शन (एफएचटीसी) के माध्यम से प्रत्येक ग्रामीण परिवार को सुरक्षित पेयजल प्रदान करके लोगों के जीवन को बेहतर बनाना है। इस मिशन में सहकारी संघवाद की सच्ची भावना शामिल है। जीवन बदलने वाला यह मिशन इक्विटी और समावेशन के प्रमुख सिद्धांतों पर केंद्रित है, अर्थात गांव के प्रत्येक परिवार को अपने घरों में जल का नल कनेक्शन दिया जाएगा। जल जीवन मिशन (जेजेएम) बुनियादी ढांचे के निर्माण के बजाय लोगों के बीच सेवा वितरण पर जोर देता है।
बंगाल में अब तक ग्रामीण इलाके में केवल 2.19 लाख घरों में ही नल कनेक्शन
मंत्रालय की ओर बताया गया है कि केंद्र सरकार ने बंगाल में जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन के लिए वार्षिक कार्य योजना को मंजूरी दे दी है। बंगाल सरकार ने 2024 तक राज्य के सभी घरों में 100 फीसद नल कनेक्शन देने की योजना बनाई है। बंगाल में 1.63 करोड़ ग्रामीण घरों में से केवल 2.19 लाख घरों में ही नल कनेक्शन दिए गए हैं। राज्य सरकार वर्ष 2020-21 में 55.60 लाख घरों में नल कनेक्शन देने की योजना बना रही है।
बंगाल में इस कार्यक्रम को लागू करने के लिए उसके पास पर्याप्त धन है। वर्ष 2019-20 में केंद्रीय कोष से 993.88 करोड़ रुपये राज्य को जारी किए गए थे जिसमें से केवल 428.37 करोड़ रुपये का भी उपयोग किया गया था और बाकी की राशि राज्य सरकार के पास पड़ी है।
वर्ष 2020-21 में राज्य की हिस्सेदारी समेत बंगाल में घरेलू नल कनेक्शन प्रदान करने के लिए जल जीवन मिशन के तहत 5,770 करोड़ रुपये उपलब्ध होंगे। इसके अलावा, राज्य को कार्यक्रम के कार्यान्वयन की प्रगति के आधार पर प्रदर्शन प्रोत्साहन के रूप में अतिरिक्त धनराशि भी प्रदान की जा सकती है। यहां बताना आवश्यक है कि बीते माह छह जुलाई को ममता बनर्जी ने जल स्वप्न नाम से 58 हजार करोड़ रुपये की एक नई परियोजना की आधारशिला रखते हुए खुद के सपनों की योजना बताते हुए घोषणा कर दी कि आगामी पांच वर्षों में बंगाल के दो करोड़ लोगों को घर तक शुद्ध जल पहुंचाया जाएगा। हालांकि, अब केंद्र सरकार की योजना में शामिल होने को सहमत हो गई हैं।