ममता सरकार ने विश्वविद्यालयों को अक्टूबर में अंतिम सेमेस्टर परीक्षा आयोजित करने को कहा
1 से 18 अक्टूबर के बीच सभी विश्वविद्यालयों व कॉलेजों में आयोजित होगी अंतिम सेमेस्टर की परीक्षाएं।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। बंगाल सरकार ने सोमवार को राज्य के विश्वविद्यालयों से 1 से 18 अक्टूबर के बीच अंतिम सेमेस्टर की परीक्षाएं आयोजित करने को कहा है। उच्च शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी, जो कुलपति और शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी के बीच हुई वर्चुअल बैठक में मौजूद थे, ने कहा कि यह सर्वसम्मति से तय किया गया कि अंतिम सेमेस्टर की परीक्षा 1-18 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पृष्ठभूमि में पूरी होगी।
सर्वोच्च न्यायालय ने 28 अगस्त को कहा था कि विश्वविद्यालयों को 30 सितंबर तक अंतिम वर्ष की परीक्षा आयोजित किए बिना छात्रों को प्रोन्नत नहीं दे सकते हैं। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि यदि तीस सितंबर तक परीक्षा आयोजित नहीं की जाती है तो राज्य को यूजीसी से संपर्क करना पड़ेगा। आधिकारिक तौर पर कोरोना प्रोटोकॉल के बाद परीक्षाओं के तौर-तरीकों का निर्धारण विश्वविद्यालयों के परामर्श से किया जाएगा।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया है कि जादवपुर विश्वविद्यालय के कला और विज्ञान संकाय के अंतिम सेमेस्टर के परिणाम और प्रेसीडेंसी विश्वविद्यालय, जो पहले से ही 80:20 के मूल्यांकन के मानदंडों पर घोषित किया गया था मान्य नहीं होगा और दोनों विश्वविद्यालयों को परीक्षा आयोजित करनी होगी।
अधिकारी ने बताया कि दो प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय ने मूल्यांकन पर उच्च शिक्षा विभाग की 6 जुलाई की सलाह को मानते हुए पिछले सेमेस्टर के प्रदर्शन को 80:20 पैटर्न कर छात्रों को प्रोन्नत कर दिया था। हालांकि, विभाग इस मुद्दे पर कोई नई सलाह जारी नहीं करेगा और परीक्षा आयोजित करने की प्रक्रिया पर निर्णय विश्वविद्यालय पर छोड़ दिया है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि मैंने अक्टूबर में दुर्गा पूजा से पहले विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में अंतिम वर्ष की परीक्षा आयोजित करने की संभावना को देखने के लिए हमने शिक्षा मंत्री से कहा है। ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों परीक्षाओं के विकल्प देखने को कहा गया था।
राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी की संयुक्त प्रवेश परीक्षा से नौकरी,चाहने वाले 2.5 करोड़ लोगों को मिलेगी मदद
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने सोमवार को कहा कि विभिन्न सरकारी एजेंसियों में रिक्त पदों को भरने के लिए राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी (एनआरए) द्वारा कराई जाने वाली संयुक्त प्रवेश परीक्षा (सीईटी) से नौकरी चाहने वाले कम से कम 2.5 करोड़ लोगों को मदद मिलेगी। सिंह ने एक वेबिनार को संबोधित करते हुए कहा कि पहले विभिन्न कारणों से भर्ती परीक्षा नहीं दे पाए लोगों को एक और मौका मिलेगा और इससे आवेदकों की संख्या काफी बढ़कर तीन करोड़ पहुंच सकती है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने केंद्र सरकार की अधिकतर नौकरियों पर अभ्यर्थियों के चयन को लेकर ऑनलाइन सीईटी परीक्षा कराने के लिए 19 अगस्त को एनआरए के गठन को मंजूरी दी थी। केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री सिंह ने कहा कि देश में नौकरी चाहने वाले लगभग 2.5 करोड़ युवा हैं और वे प्रारंभिक (भर्ती) परीक्षाएं देने के लिए देश में कहीं भी जाने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि सीईटी देश के हर जिले के कम से कम एक केंद्र में आयोजित की जाएगी। इससे दूर-दराज के इलाके में रह रहे लोगों को काफी मदद मिलेगी क्योंकि उन्हें परीक्षाएं देने के लिए दूसरे राज्यों या शहरों की लंबी यात्राएं नहीं करनी पड़ेंगी।