Move to Jagran APP

एनडीए सरकार के खिलाफ ममता मिलेंगी सोनिया गांधी से

एनडीए सरकार के खिलाफ बिगुल फूंकने दिल्ली आईं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री व टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी आज शाम सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगी।

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 28 Mar 2018 03:48 PM (IST)Updated: Wed, 28 Mar 2018 03:48 PM (IST)
एनडीए सरकार के खिलाफ ममता मिलेंगी सोनिया गांधी से

कोलकाता, जेएनएन । केंद्र में एनडीए सरकार के खिलाफ बिगुल फूंकने दिल्ली आईं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री व टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी आज शाम कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगी।

loksabha election banner

ममता ने मंगलवार को बीजेपी की सहयोगी शिवसेना के सांसदों और साथ ही कई विपक्षी दलों के सांसदों से मुलाकात की। इसके अलावा ममता बनर्जी आज बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पार्टी से नाराज चल रहे यशवंत सिन्हा, शत्रुघ्न सिन्हा और अरुण शौरी से मुलाकात करेंगी। मंगलवार को ममता ने संवाददाताओं से कहा, च्सभी विपक्षी दलों को मिल कर काम करना चाहिए। भाजपा के खिलाफ लड़ाई आमने सामने की होनी चाहिए।

उत्तर प्रदेश के उपचुनाव में सपा और बसपा के अनौपचारिक गठबंधन के नतीजों से उत्साहित विपक्ष में 2019 के लिए एकजुटता की कवायद तेज हो गई है लेकिन मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस को दूर रखकर। तीसरे मोर्चे की तर्ज पर फेडरल फ्रंट की कोशिशें शुरू हुई हैं। मंगलवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी लगभग आधा दर्जन क्षेत्रीय दलों के बीच नेतृत्व की कमान लेती दिखीं। दूसरे दलों के नेताओं के साथ हर बार उनका मिलना होता है। इस बार भी हुआ लेकिन जोश कुछ ज्यादा था।

संसद भवन के तृणमूल कार्यालय में उनसे आकर मिलने वालों में तेदेपा, वाईएसआर कांग्रेस, राजद, बीजद, टीआरएस आदि दलों के नेता शामिल थे। संसद के सेंट्रल हॉल में शिवसेना के संजय राउत से भी उनकी मुलाकात हुई। ध्यान रहे कि शिवसेना पहले ही घोषणा कर चुकी है कि वह लोकसभा चुनाव अलग ल़़डेगी। उससे पहले ममता बनर्जी शरद पवार से जाकर मिलीं। ममता संभवत: बुधवार को भी दिल्ली में रकेंगी और कुछ अन्य दलों के नेताओं से भी मुलाकात संभव है।

बताते हैं कि वह भाजपा के बागी नेता शत्रुघ्न सिन्हा, यशवंत सिन्हा और पूर्व मंत्री अरण शौरी से भी मिलेंगी। राकांपा सूत्रों के अनुसार पवार से मुलाकात में ममता ने उन्हें दूसरे विपक्षी दलों से भी बात करने का आग्रह किया है। लेकिन कांग्रेस को लेकर आशंकित हैं। ममता को लगता है कि अगर कांग्रेस इस खेमे में होगी तो कई दल इसमें शामिल नहीं होंगे। मेल-मुलाकात के बीच ममता ने भाजपा पर सीधा वार किया और कहा कि अब उनके बोरिया बिस्तर समेटने का वक्त आ गया है।

उन्होंने विपक्षी दलों से अपील की कि राज्य में मौजूद शक्तिशाली दल की पीठ पर सबका हाथ होना चाहिए ताकि भाजपा को परास्त किया जा सके। सरकार के खिलाफ उन्होंने नोटबंदी और जीएसटी को सबसे ब़़डा हथियार बताया। हालांकि यह रोचक होगा कि वह आंध्र में तेदेपा और टीआरएस या फिर पश्चिम बंगाल में वाम दल को कैसे समझाएंगी कि एकजुट होकर चुनाव ल़़डें और महत्व खुद को नहीं तृणमूल को दें।

एक सवाल के जवाब में ममता ने कहा कि सपा-बसपा मिल जाएं तो उत्तर प्रदेश में भाजपा के लिए कुछ नहीं बचेगा। मायावती और अखिलेश को चाहिए कि सभी विपक्षी दलों को चर्चा के लिए उत्तर प्रदेश बुलाएं, शर्त इतनी है चाय पिलाएं। दरअसल, ममता समेत दूसरे सभी दलों को इसका अहसास है कि मुख्य लड़ाई उत्तर प्रदेश में ही लड़ी जानी है और यहां फेडरल फ्रंट के लिए कवायद कर रहे दूसरे किसी भी दल का कोई अस्तित्व नहीं है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.